नयी दिल्ली: सरकार ने वोडाफोन के साथ 20,000 करोड़ रुपये का कर विवाद निपटाने के लिए अपना सुलह प्रस्ताव वापस लेने और बकाए की वसूली का फैसला किया है. ब्रिटेन की इस दूरसंचार कंपनी ने ट्रांसफर प्राइसिंग विवाद को भी इस बातचीत के दायरे में लाने पर जोर दिया था जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया.
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इस बारे में कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है. उन्होंने कहा कि विधि मंत्रालय ने वोडाफोन के साथ सुलह प्रक्रिया को समाप्त करने का समर्थन किया है. कंपनी ने कर विवाद पर द्विपक्षीय निवेश संवर्धन एवं संरक्षण समझौते (बीपा) के तहत पिछले महीने सरकार को अनुपूरक नोटिस भेजा था जिसके बाद मंत्रालय ने वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग्स बीवी के साथ सुलह प्रक्रिया को वापस लेने का फैसला किया.
मंत्रिमंडल ने 2007 में हच्चिसन एस्सार में हच्चिसन वैंपोआ की हिस्सेदारी के सौदे में पूंजीगत लाभ पर कर के दायित्व संबंधी विवाद को हल करने के लिए वोडाफोन के साथ सुलह वार्ता को लेकर वित्त मंत्रालय के एक प्रस्ताव को पिछले साल जून में मंजूरी दी थी.
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