नयी दिल्ली: प्रमुख खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 11,181 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. कंपनी को कहना है कि आलोच्य तिमाही में से अपनी परिसम्पत्तियों पर बट्टा के तहत 12,304 करोड रुपये के (इंपेयरमेंट चार्ज) प्रावधान लगा जिस कारण उसका वित्तीय निष्पादन प्रभावित हुआ.
यह बट्टा मुख्य रूप से समूह की भारतीय कंपनी केयर्न इंडिया से सम्बद्ध है. कंपनी ने बीएसई को सूचित किया है कि इसके बावजूद वह अपने शुद्ध घाटे को पूर्व वर्ष की समान तिमाही की तुलना में कम करने में सफल रही है. कंपनी को जनवरी मार्च 2014-15 तिमाही में 19,228.12 करोड रुपयेका घाटा हुआ था.तेल व धातु कीमतों में नरमी के चलते जनवरी मार्च 2015-16 में कंपनी की कुल एकीकृत आय 10 प्रतिशत घटकर 15,979.3 करोड रुपये रही. हालांकि इसकी आंशिक भरपाई अधिक मात्रा में बिक्री से हो गई.
जहां तक विशिष्ट मदों के बिना प्रदर्शन का सवाल है तो अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली इस कंपनी ने 89 प्रतिशत बढोतरी के साथ 955.4 करोड रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया.वेदांता के सीईओ टाम अल्बनीज ने कहा,‘ 2009 के वित्तीय संकट के बाद जिंस बाजार के लिए यह सबसे कठिन साल था लेकिन वेदांता अपने सभी कारोबारों में उत्पादन लागत घटाने में सफल रही. इसी दौरान भारत में जस्ते तथा कुल एल्युमिनियम में उसका रिकार्ड सालाना उत्पादन रहा. ‘ उन्होंने कहा कि कंपनी ‘मुक्त नकदी प्रवाह को अधिकतम करने पर ध्यान केंद्रित रखेगी. ‘ बीएसई में कंपनी का शेयर आज 4.6 प्रतिशत टूटकर 100 रुपयेप्रति शेयर पर बंद हुआ. वेदांता के परिणाम बाजार बंद होने के बाद आए.
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