नयी दिल्ली : औद्योगिक उत्पादन और खुदरा मुद्रास्फीति के आज जारी आंकड़े सरकार की चुनौती बढ़ाने वाले है. इन आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 1.8 प्रतिशत नीचे रहा वहीं नवंबर में खुदरा महंगाई की दर बढ़ती हुई 11.24 प्रतिशत पर पहुंच गई. खुदरा क्षेत्र में बढ़ती मुद्रास्फीति के चलते रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में और वृद्धि कर सकता है. रिजर्व बैंक अगले सप्ताह मध्य तिमाही समीक्षा जारी करेगा.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2013 में मुद्रास्फीति दर 11.24 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पिछले महीने यह 10.17 प्रतिशत रही थी. दूसरी तरफ, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आज जारी अक्तूबर के आंकड़ों के अनुसार इसमें 1.8 प्रतिशत की गिरावट आ गई जबकि सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर 2 प्रतिशत बढा था.
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मुद्रास्फीति आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा ‘‘मेरा मानना है कि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बिठाने में मौद्रिक नीति की भूमिका है. जैसा कि मैंने पहले कहा है, अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति की हमें जानकारी है लेकिन हमें मुद्रास्फीतिक दबाव पर भी ध्यान देना होगा.’’ उधर, उद्योग जगत ने अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर निराशा जताई है. उद्योग जगत ने स्थिति में सुधार लाने के लिये रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कमी लाने को कहा है. उद्योग मंडल फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा है कि जब तक ब्याज दरों में कमी नहीं आती है निकट भविष्य में हमें औद्योगिक उत्पादन में ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं लगती.
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