नयी दिल्ली : भारत 2015 और 2016 में जी20 देशों में सबसे अधिक 7-7.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करेगा. यह अनुमान मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने जताया और कहा कि देश वाह्य झटकों के दायरे में कम है और सकारात्मक रेटिंग परिदृश्य से लचीली वृद्धि तथा सुधार की गतिविधि जाहिर होती है. रेटिंग एजेंसी ने कहा ‘भारत वैश्विक जोखिम के दायरे में कम है और इसकी वजह ज्यादा लचीली आर्थिक वृद्धि और सकारात्मक नीतिगत सुधार की गति का असर है.’ मूडीज ने आज प्रकाशित रपट में कहा कि उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं में जोखिम को झेलने की विभिन्न किस्म की क्षमताएं हैं जो 2015-16 में वैश्विक साख की गुणवत्ता को प्रभावित करना जारी रखेगी.
यह रपट बीएए रेटिंग प्राप्त पांच देशों – तुर्की, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और इंडोनेशिया पर आधारित है. मूडीज ने कहा ‘जिन अन्य देशों की यहां चर्चा हुई है उनमें भारत वाह्य झटकों के दायरे में कम है. इसकी बीएए3 रेटिंग और सकारात्मक परिदृश्य से हमारी राय जाहिर होती है कि अपेक्षाकृत लचीली वृद्धि और नीतिगत सुधार की गति से मुद्रास्फीति धीरे-धीरे स्थिर हो जाएगी, नियामकीय माहौल सुधरेगा, बुनियादी ढांचा निवेश बढेगा और सरकारी ऋण अनुपात घटेगा.’ मूडीज ने अपनी रपट में कहा कि उभरते बाजारों के लिए मुख्य वाह्य जोखिम है कि लंबे समय तक जोखिम से बचने का प्रयास जो अमेरिकी मौद्रिक नीति के सामान्य होने की उम्मीद और चीन में आशा से अधिक नरमी की आशंका से प्रेरित होगा.
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