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यूरोपीय कंपनी ने की सहारा की मदद के लिये 72 करोड़ यूरो की पेशकश

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज सहारा समूह से पूछा कि क्यों नहीं निवेशकों को देय करीब 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था के लिये उसकी संपत्तियों का निस्तारण करने हेतु रिसीवर की नियुक्ति कर दी जाये. इस बीच, एक यूरोपीय कार्पोरेट ने जेल में बंद समूह के मुखिया सुब्रत राय को जमानत पर […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज सहारा समूह से पूछा कि क्यों नहीं निवेशकों को देय करीब 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था के लिये उसकी संपत्तियों का निस्तारण करने हेतु रिसीवर की नियुक्ति कर दी जाये. इस बीच, एक यूरोपीय कार्पोरेट ने जेल में बंद समूह के मुखिया सुब्रत राय को जमानत पर बाहर लाने के लिये समूह को 72 करोड यूरो (पांच हजार करोड रुपये) का कर्ज देने की पेशकश की है. मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाजार नियामक सेबी की अर्जी पर रिसीवर की नियुक्ति के लिये सहारा समूह को नोटिस जारी किया. सेबी ने यह अर्जी इसलिए लगायी थी क्योंकि राय की दो कंपनियां निवेशकों का धन लौटाने के बारे में शीर्ष अदालत के 31 अगस्त, 2012 के आदेश पर अमल करने की स्थिति में नहीं हैं.

पीठ ने इस अर्जी पर सहारा समूह से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह के लिये स्थगित कर दी. इस बीच, न्यायालय ने उसकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का यह अनुरोध ठुकरा दिया कि न्यायालय को नयी विदेशी कंपनी हेल्वेटिया समूह की पेशकश के नतीजे देखने के लिये कुछ समय इंतजार करना चाहिए. रिसीवर नियुक्त करने के लिये सेबी की अर्जी पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इस मामले में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफडे की राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा है.’

नफडे ने कहा, ‘हम अब ऐसी स्थिति में पहुंच गये हैं कि हमे इसका सामना करना पडेगा. रिसीवर की नियुक्ति के मामले में न्यायालय को ही काम की शर्ते और संदर्भ निर्धारित करने होंगे.’ इससे पहले सुनवाई के दौरान भी न्यायालय ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि सहारा समूह को ‘सेबी सहारा खाते’ में जमानत करने के लिये 36 हजार करोड रुपये की व्यवस्था करने हेतु अपनी संपतियां बेचने में कठिनाई का सामना करना पड रहा है क्योंकि राय चार मार्च, 2014 से जेल में हैं और इन संपत्तियों को रिसीवर नियुक्त करके ही बेचा जा सकता है.

पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जिन्हें सहारा समूह के खिलाफ सेबी की कार्रवाई की निगरानी के लिये नियुक्त किया गया था, वह ‘रिसीवर’ के अध्यक्ष होंगे. इस मामले में आज सुनवाई शुरू होते ही नयी विदेशी कंपनी ने इस मामले में हस्तक्षेप की अनुमति मांगी और कहा कि वह करीब 72 करोड यूरो (करीब पांच हजार करोड रुपये) सहारा की एंबी वैली को कर्ज देने के लिये तैयार है और इस सौदे के लिये उसे 15 अक्तूबर तक का वक्त चाहिए.

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