मुंबई : जिंस वायदा के सेबी के दायरे के आने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नियामक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस बाजार में हेरा-फेरी की गतिविधियों पर लगाम लगे. साथ ही भरोसा जताया कि एनएसइएल जैसी समस्याएं प्रभावी तरीके से सुलझायी जाएंगी. जेटली ने शेयर बाजार में पारंपरिक घंटा बजा कर आज वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के साथ विलय को औपचारिक स्वरुप दिया. उन्होंने कहा कि विलय से जिंस बाजार और इक्विटी वायदा बाजारों के नियमों को समाभिरुप बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा ‘इस विलय से अर्थव्यवस्था का दायरा और स्तर बढेगा क्योंकि हर तरह के कारोबार में बहुत समानता है. मुझे भरोसा है कि सेबी जिंस वायदा बाजार के नियमन के लिए तैयार है.’ जेटली ने कहा, ‘सेबी के लिए यह चुनौती होगी क्योंकि यह अतिरिक्त जिम्मेदारी है लेकिन सेबी पिछले दो दशक में ऐसी जिम्मेदारियां लेने के लिए परिपक्व हो चुकी है.’ एनएसइएल जैसी संकट की स्थिति उभरने के सवाल पर जेटली ने कहा ‘मुक्त बाजार में आपको बेतरतीबी हमेशा दिखती है. लेकिन मुक्त बाजार का मतलब निष्पक्ष बाजार भी है ओर यदि ऐसी घटनाएं होती भी है तो मुझे भरोसा है कि हमारे पास इससे निपटने के लिए मजबूत नियामकीय प्रणाली है.’
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