नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि विदेश में जमा धन-संपत्ति की घोषणा के लिए दी गई मोहलत अवधि या अनुपालन खिडकी का इस्तेमाल करने वालों को विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा), मनी लांड्रिंग रोधी कानून व चार अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई से छूट दी जायेगी. इसके अलावा ऐसे लोग जिनकी विदेश में संपत्तियों की सरकार के पास पहले से उपलब्ध जानकारी के बारे में उन्हें सूचित नहीं किया गया तो ऐसे मामलों में उनके खिलाफ कालाधन कानून के बजाय आयकर कानून के तहत कदम उठाया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने नये कालाधन कानून पर बार-बार उठ सकने वाले सवालों (एफएक्यू) पर जारी स्पष्टीकरण में हालांकि स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार से जुटाई गयी संपत्ति के मामले में कार्रवाई से छूट नहीं मिलेगी.
सरकार ने दी है 90 दिनों की मोहलत
सरकार ने विदेशों में संपत्ति रखने वालों को इसकी घोषणा के लिए 90 दिन की मोहलत अवधि दी है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोई व्यक्ति मोहलत की अवधि में उन घोषित विदेशी संपत्तियों की घोषणा का लाभ उठा सकता है जिनमें कर विभाग ने 30 जून, 2015 तक कोई नोटिस नहीं भेजा है या फिर सरकार के पास उन संपत्तियों के बारे में पहले से सूचना नहीं है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई प्रवासी भारतीय देश में हासिल आमदनी के जरिये विदेश में संपत्ति खरीदता है और कर नहीं देता है, तो उस संपत्ति को अघोषित विदेशी संपत्ति माना जाएगा.
विदेशों में जमा धन पर कराधान
विदेशी बैंक खातों में जमा धन पर कराधान के संदर्भ में कहा गया है कि खाते में उसके खुलने से लेकर समय-समय पर जमा की गई पूरी राशि पर कर देना होगा. खाते में तिथि विशेष पर बची राशि पर नहीं. हालांकि, यदि कोई संपत्ति ऐसी आय से खरीदी गई है जिस पर भारत में कर नहीं लगता है, तो उसे अघोषित संपत्ति नहीं माना जाएगा. छात्र-छात्राओं को राहत देते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यदि किसी विदेशी बैंक खाते में पिछले साल के दौरान किसी समय पांच लाख रुपये से कम जमा कराये गये हैं, तो उस पर जुर्माना नहीं लगेगा. एफएक्यू में स्पष्ट किया गया है यदि किसी विदेशी संपत्ति का उचित मूल्य शून्य है, तो भी उसका खुलासा अनिवार्य रूप से करना होगा. किसी व्यक्ति द्वारा घोषित की गई संपत्ति पर पूंजीगत लाभ कर के बारे में एफएक्यू में कहा गया है कि भविष्य में इन संपत्तियों की बिक्री पर आयकर कानून के तहत अमुक व्यक्ति को पूंजीगत लाभ कर देना होगा.
क्या कहना है कर विशेषज्ञों का
कर विशेषज्ञों ने इस बारे में कहना है कि इस प्रावधान से उस व्यक्ति के पास कुछ नहीं बचेगा. जिसने अनुपालन खिडकी के तहत संपत्ति के उचित बाजार मूल्य पर 60 प्रतिशत कर चुकाया है और संपत्ति की बिक्री पर उसे बाद में पूंजीगत लाभ कर भी देना होगा. एफएक्यू में कहा गया है कि यदि किसी संपत्ति को खरीदा गया है लेकिन संपत्ति का खुलासा करने से पहले उसे बेच दिया गया है, इसकी घोषणा करना भी जरुरी होगा. अनुपालन नियमों का एक प्रावधान यह है कि ऐसा व्यक्ति जिसके बारे में सरकार के पास पहले से सूचना है, उसको खुलासा करने की अनुमति नहीं होगी. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसी व्यक्ति द्वारा की गई कोई घोषणा आयकर कानून के तहत आएगी और यह कडे कालाधन कानून के तहत नहीं होगी.
किसे मिलेगी रियायत
यह रियायत सिर्फ उन लोगों को मिलेगी जिनको कर विभाग से इस बारे में सूचना नहीं मिली है कि उसकी विदेशी संपत्तियों के बारे में सरकार को पहले से जानकारी है. क्या सरकार को कोई पूर्व सूचना थी, संपत्ति की घोषणा करने वाले व्यक्तियों को इसकी सूचना अनुपालन अवधि खत्म होने के एक माह बाद 31 अक्तूबर तक दी जाएगी. लोगों को विदेशी सम्पत्ति के बारे में नये कानून के तहत विवरण देने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है जो 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगा. एफएक्यू में कहा गया है कि अघोषित संपत्ति की घोषणा पर पांच कानूनों – आयकर कानून, संपदा कर कानून, फेमा, कंपनी कानून व सीमा शुल्क कानून के तहत ‘छूट’ मिलेगी. हालांकि, इसमें किसी अन्य कानून के तहत ‘माफी’ का प्रावधान नहीं है. इस बारे में उदाहरण देते हुए एफएक्यू में कहा गया है कि यदि अघोषित संपत्ति किसी संरक्षित पशु की बिक्री से हासिल की गई है, तो अमुक व्यक्ति वन्यजीव (संरक्षण) कानून, 1972 के तहत कार्रवाई से नहीं बच सकेगा.
जानबूझकर कर चोरी भी पीएमएलए के तहत अपराध नहीं
जानबूझकर कर चोरी का प्रयास भी मनी लांड्रिंग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत अपराध नहीं होगा. क्या ऐसी संपत्ति की भी घोषणा की जा सकती है जिसका कर के लिए आकलन किया गया है और मामला अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है. इस बारे में स्थिति साफ करते हुए मंत्रालय ने कहा कि संपत्ति की घोषणा करने वाले व्यक्ति को किसी आकलन को फिर खोलवाने का अधिकार नहीं होगा. हालांकि, वह स्वैच्छिक तरीके से उन अघोषित विदेशी संपत्तियों की घोषणा कर सकता है जो ऐसी आय से बनाई गई हैं जिसकी घोषणा नहीं की गई है और आयकर कानून के तहत उसका आकलन नहीं हुआ है.
विरासत में मिली संपत्ति की भी करनी होगी घोषणा
विदेश में विरासत में मिली आवास संपत्ति के बारे में मंत्रालय ने कहा है कि जिस व्यक्ति को यह संपत्ति अपने पिता के कानूनी प्रतिनिधि के रूप में विरासत में मिली है, उसे इसकी घोषणा करनी होगी. ऐसी संपत्ति के मामले में उचित बाजार मूल्य उसकी अधिग्रहण व बिक्री मूल्य से अधिक होगा. कंपनियों के संदर्भ में एफएक्यू में कहा गया है कि अघोषित संपत्ति की घोषणा कंपनी को करनी होगी, भागीदारों को नहीं. भागीदार उनके पास मौजूद संपत्ति के बारे में घोषणा कर सकते हैं. किसी कंपनी द्वारा अघोषित संपत्ति की घोषणा पर उसके निदेशकों पर आयकर कानून, संपदा कर कानून, फेमा, कंपनी कानून या सीमा शुल्क कानून के तहत कार्रवाई नहीं होगी.
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