नयी दिल्ली : केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि प्रस्तावित भारतीय डाक बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) से अगस्त तक भुगतान बैंक का लाइसेंस मिल सकता है. यह लाइसेंस मिलने से देशभर में फैले 1,54,000 डाकघरों को जिनमें से 1,30,000 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, लोगों को बैंकिंग सेवाओं की पेशकश करने का अवसर मिल जायेगा.
प्रसाद ने कहा, हमारी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक डाक विभाग को अगस्त में भुगतान बैंक का लाइसेंस दे देगा. पिछले एक साल के दौरान डाक विभाग ने कंप्यूटरीकरण के जरिये 27,215 डाकघरों को एक नेटवर्क में जोड दिया है.डाक विभाग ने भुगतान बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. विभाग देशभर मैं फैले अपने नेटवर्क के जरिये भारतीय डाक बैंक के तौर पर काम करना चाहता है.
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक भुगतान बैंक जनता को मांग जमा और धन प्रेषण जैसे सीमित दायरे में सेवाएं देंगे. ये बैंक कर्ज सेवाएं नहीं दे सकेंगे और शुरुआत में इनमें प्रति ग्राहक अधिकतम एक लाख रुपये तक का बकाया खाते में रखा जा सकेगा.
भुगतान बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम अथवा डेबिट कार्ड तथा दूसरे भुगतान साधन दे सकेंगे लेकिन क्रेडिट कार्ड देने की अनुमति इन्हें नहीं होगी.
सूत्रों के अनुसार प्रसाद ने अन्र्स्ट एण्ड यंग द्वारा सुझाये गये हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दे दी है. अन्र्स्ट एण्ड यंग ने ही भारतीय डाक बैंक के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है.
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