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मदर डेयरी की दूध में डिटर्जेंट, कंपनी ने आरोप को किया खारिज

नयी दिल्ली : मदर डेयरी ने उसके संग्रह केंद्र से लिये गये दूध के नमूने में डिटर्जेन्ट पाये जाने के आरोपों से आज इनकार किया. कंपनी ने कहा कि उसने उसकी जांच फिर से कराने के लिये उसे कोलकाता की प्रयोगशाला में भेजा है. उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कल कहा […]

नयी दिल्ली : मदर डेयरी ने उसके संग्रह केंद्र से लिये गये दूध के नमूने में डिटर्जेन्ट पाये जाने के आरोपों से आज इनकार किया. कंपनी ने कहा कि उसने उसकी जांच फिर से कराने के लिये उसे कोलकाता की प्रयोगशाला में भेजा है. उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कल कहा था कि उसे मदर डेयरी के दूध के नमूने में डिटर्जेंट मिला है. मदर डेयरी का कहना है कि वह नमूना गांव के स्तर पर खुले दूध में से लिया गया था और तब तक वह दूध मदर डेयरी ने लिया नहीं था.

मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक एस नागराजन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तर प्रदेश एफडीए ने पहला परीक्षण मेरठ में किया और उसमें ठोस तत्व (एसएनएफ) पाया गया वसा नहीं था और कोई मिलावट नहीं की गयी थी.’ मदर डेयरी ने कहा है, ‘हमने एसएनएफ पर सवाल उठाया और उसकी फिर से जांच के लिये उसे कोलकाता के प्रयोगशाला में भेजा है. हम अभी रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

सहकारी संस्था ने कहा कि उत्तर प्रदेश एफडीए जिस दूध के नमूने में डिटर्जेन्ट पाये जाने की बात कर रहा है, वह दूध को ठंडा करने वाली उसकी इकाई (चिलिंग सेंटर) तक पहुंचने से पहले लिये गये. चिलिंग सेंटर पर दूध को आगे के प्रसंस्करण के भेजने से पहले उसकी गुणवत्ता की प्रथम स्तरीय जांच की जाती है. एस नागराजन ने कहा, ‘यह दुर्भाग्य है कि गांव स्तर पर खुले दूध से लिये गये नमूने को मदर डयेरी का दूध बता दिया गया जब कि उसे हमारी फैक्ट्री में प्रसंस्करण के लिए उस समय लिया नहीं गया था.’

उन्होंने जोर देकर कहा कि मदर डेयरी का दूध खपत के लिये सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मदर डेयरी को उत्तर प्रदेश एफडीए से परीक्षण के बारे में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है और उसे उसका इंतजार है. नागराजन ने कहा कि मदर डेयरी इस मामले को केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआइ के समक्ष उठाएगा. मदर डेयरी के अनुसार उसके यहां चार स्तरों – कच्चे दूध, प्रसंस्करण की प्रक्रिया, माल डिसपैच किए जाने तथा बाजार में पहुंचे माल तक का परीक्षण होता है.’

नागराजन ने कहा, ‘सभी गुणवत्ता उपायों से मंजूरी के बाद ही दूध को प्रसंस्करण के लिये स्वीकार्य किया जाता है. साथ प्रसंस्करण के बाद उसकी दोबारा से जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उत्पाद खपत के लिये सुरक्षित है.’ उत्तर प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कल कहा था कि उसने मदर डेयरी के एक संग्रह केंद्र से लिये गये दूध के नमूने में डिटर्जेन्ट पाया है.

आगरा में उत्तर प्रदेश एफडीए के अधिकारी राम नरेश यादव ने कहा कि नमूने खराब गुणवत्ता के थे और उसमें डिटर्जेन्ट पाये गये. मदर डेयरी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की पूर्ण अनुषंगी इकाई है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से दूर खरीदती है. सहकारी संस्था राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब तथा देश के अन्य भागों में प्रतिदिन 35 लाख लीटर दूध बेचती है.

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