न्यूयार्क : विश्व की सबसे बडी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल का नुकसान 31 मार्च को समाप्त पहली तिमाही के दौरान बढकर 72.8 करोड डालर हो गया. ऐसा मुख्य तौर पर विनिमय दर के प्रभाव और लौह अयस्क की कीमतों में गिरावट के चलते हुआ है. यह जानकारी कंपनी के एक बयान में दी गयी.
प्रवासी भारतीय अरबपति लक्ष्मी मित्तल द्वारा नियंत्रित इस कंपनी को पिछले साल की इसी अवधि में 20.5 करोड डालर का नुकसान हुआ था. इस बार जनवरी-मार्च तिमाही की बिक्री 13.5 प्रतिशत गिरकर 17.12 अरब डालर रही. आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी लक्ष्मी मित्तल ने कहा ‘हमें बहुत की दिक्कतों का सामना करना पडा जिसमें लौह अयस्क मूल्य, मजबूत डालर और अमेरिका में आयात में बढोतरी शामिल है.’
उन्होंने कहा कि ब्याज, कर, मूल्यह्रास और ऋणमोचन के प्रावधान से पूर्व मुनाफा (एबिटा) घटकर 1.4 अरब डालर रहा, हालांकि कंपनी का इस्पात का कारोबार 2014 की पहली तिमाही के स्तर पर ही रहा. यूरोप के बाजार में कंपनी का लाभ (एबिटा) 15 प्रतिशत बढा.
वैश्विक इस्पात उत्पादन में कंपनी की करीब छह प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी ने कहा है कि ‘विदेशी विनिमय दरों में बदलाव और कंपनी की कुछ निवेश परियोजनाओं को स्थगित करने के बाद वित्त वर्ष 2015 में पूंजी-व्यय और घटकर करीब तीन अरब डालर रहने का अनुमान है.’
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