नयी दिल्ली : जापान की दवा कंपनी दाइची सांक्यो ने आज सन फार्मास्यूटिकल इंडस्टरीज में अपनी पूरी हिस्सेदारी (करीब नौ प्रतिशत) 20,420 करोड रुपये में बेच दी. ये शेयर उसे सनफार्मा में रैनबैक्सी के विलय के बाद मिले थे. इस तरह देश में उसे सात साल के उतार-चढाव भरे दौर से छुटकारा मिल गया. कंपनी ने 2008 में 22,000 करोड रुपये में रैनबैक्सी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी थी ताकि भारतीय फार्मा बाजार में तेजी से कदम आगे बढा सके.
रैनबैक्सी के सनफार्मा में विलय के बाद अब दाइची ने सन फार्मा के उसे मिले 21 करोड से अधिक शेयर बेच दिये. दाइची द्वारा आज जारी बयान में कहा गया ‘सन फार्मा के शेयरों की बिक्री पूरी हो गई.’ शेयर बिक्री पेशकश के तहत जापानी कंपनी ने सन फार्मा के 21,49,69,058 शेयर बेचे.
दाइची द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की घोषणा के समय सुबह के कारोबार में शेयर की कीमत 950 रुपये थी और इस तरह मूल्य 20,420 करोड रुपये रहा. चार अरब डालर सौदे की घोषणा के बाद पिछले महीने सन फार्मा ने रैनबैक्सी के अपने साथ विलय पूरा होने की घोषणा की. इस सौदे के अनुसार रैनबैक्सी के शेयरधारकों को उनके प्रत्येक शेयर के लिये सन फार्मा के 0.8 शेयर दिये गये.
विलय के समय गुडगांव की इस कंपनी में दाइची के पास 63.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. सनफार्मा में रैनबैक्सी के विलय के बाद सन फार्मा विश्व की पांचवीं सबसे बडी जेनेरिक दवा कंपनी और घरेलू बाजार की प्रमुख कंपनी बन गई है जिसकी बाजार हिस्सेदारी में अग्रणी भूमिका होगी.
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