नयी दिल्ली : रुपये के अवमूल्यन के कारण सरकार पर विपक्ष के हमले जारी हैं. खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि सरकार को देश का सोना गिरवी रखना पड सकता है. ऐसी हालात में टाटा के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने भी सरकार पर निशाना साधा है.
रतन टाटा ने खुलकर देश की मौजूद लीडरशिप पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि देश में लीडरशिप का संकट आर्थिक मुश्किलें बढ़ाता जा रहा है.एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में टाटा ने कहा, सियासी नेतृत्व को एक साथ काम करने की जरूरत है. आज सरकार में हर मंत्री अलग-अलग दिशाओं में काम कर रहा है. राज्य भी अपने हिसाब से चल रहे हैं. केंद्र सरकार और राज्यों के बीच सामंजस्य की कमी है. खराब नेतृत्व की वजह से आर्थिक समस्याएं और बढ़ीं हैं. इस वक्त देश को मजबूत लीडरशिप की जरूरत है. एक ऐसे लीडरशिप की जो सबको एक साथ लेकर सही दिशा में चल सके.’
रतन टाटा ने सरकार के साथ-साथ विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘आज सरकार और विपक्ष कोई भी देश के बारे में नहीं सोच रहा है. केंद्र और राज्य के स्तर पर किसी को देश की चिंता नहीं है. सब अपने-अपने फायदे में लगे हुए हैं.
रतन टाटा ने नरेंद्र मोदी के बारे में कहा, ‘मोदी ने गुजरात में अपना नेतृत्व साबित किया है. हालांकि, नैशनल लेवल पर वह गुजरात जैसा काम कर पायेंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है.’
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