मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड वितरकों को किये जाने वाले ऊंचे कमीशन पर चिंता जतायी है. हालांकि, नियामक ने कहा है कि यदि उद्योग अग्रिम कमीशन की सीमा तय करता है, तो यह अच्छा होगा. म्यूचुअल फंड उद्योगों के संगठन एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की योजना अग्रिम कमीशन की सीमा एक प्रतिशत तय करने की है.
सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने एम्फी की अग्रिम कमीशन की सीमा एक प्रतिशत तय करने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘नियामक सीधे तौर पर कमीशन की सीमा के बारे में कहने से हिचकिचाएगा. यदि उद्योग खुद ऐसा कर लेता है, तो यह अच्छा होगा. यदि कमीशन के रूप में बहुत ऊंची राशि दी जाती है, तो नियामक इसको लेकर चिंतित होगा.’
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार कुछ बैंकों को अपने ब्रोकरेज कमीशन का 50 फीसदी से अधिक एक म्यूचुअल फंड से मिल रहा है. इससे कुछ चुनिंदा म्यूचुअल फंड कंपनियों पर ध्यान दिए जाने का पता चलता है. ज्यादातर मामलों में यह उनके समूह की इकाई ही होती है.
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