मुंबई : रुपये में आज दूसरे दिन भी गिरावट जारी रही. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से डालर मजबूत होने तथा रिजर्व बैंक द्वारा नकदी प्रवाह कम करने के लिए लक्ष्य के मुकाबले केवल पांचवें हिस्से के बराबर ही नकदी पाने से रुपया आज 33 पैसे गिरकर 59.67 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. विगत दो सत्रों में रुपये की गिरावट ने रुपये को उस स्तर पर ला दिया जो स्तर रिजर्व बैंक द्वारा रुपये के उतार चढ़ाव को रोकने के लिए जाने वाले उपायों के पहले देखा गया था.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 59.61 रुपये प्रति डालर पर कमजोर खुला तथा 59.49 से 59.79 रुपये के दायरे में घूमने के बाद अंत में 33 पैसे अथवा 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59.67 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में डालर में मजबूती के मद्देनजर आयातकों, मुख्यत: तेल रिफायनिंग कंपनियों और कुछ बैंकों की सतत डालर मांग से रुपया कमजोर हुआ. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फैडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के ने कल इस बात को दोहराया कि उसके बॉंड खरीद कार्यक्रम में कोई भी बदलाव अर्थव्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करेगा.
अमेरिकी केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ाने के लिये हर महीने 85 अरब डालर की प्रतिभूतियां खरीद रहा है, जिससे भारी नकदी बाजार में आ रही है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भी इससे निवेश बढ़ रहा. खरीद कार्यक्रम जल्द वापस लिये जाने की आशंका में भारतीय बाजारों में भी विदेशी निवेश कमजोर पड़ने की आशंका है, जिससे रुपया कमजोर पड़ता है.
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