गुड़गांव: रैनबैक्सी लैबोरेटरीज ने आज कहा कि उसने पिछली सभी कमियों को दूर कर लिया है और उसकी दवा ‘सुरक्षित’ तथा ‘प्रभावी’ है. कंपनी ने कहा है कि दुनिया का कोई भी नियामक जो उसकी विनिर्माण गतिविधियों की जांच करना चाहता है उसके साथ वह पूरा सहयोग करेगी.
कंपनी पर विनिर्माण नियमों के उल्लंघन को लेकर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप लगे. कंपनी इस संबंध में अमेरिकी प्रशासन को 50 करोड़ डालर का जुर्माना देने पर सहमत हुई है. कंपनी ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) द्वारा प्रतिबंधित 30 जेनेरिक दवाओं में से कुछ औषधि भारत में बेचे जाने का बचाव करते हुए कहा कि वे दवाएं दुनिया के अन्य भागों में भी बेची जा रही है क्योंकि वे सुरक्षित और प्रभावी हैं.
रैनबैक्सी लैबोरेटरीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक अरुण साहनी ने प्रेट्र के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं इस बात को मानता हूं कि पूर्व में कुछ कमियां थी. हमने यह सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त कदम उठाये हैं कि जो कमजोरियां हैं, उनसे भविष्य में कोई समस्या न हो.’’ उन्होंने कहा कि रैनबैक्सी ने भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकने के लिये विनिर्माण, गुणवत्ता, संसाधन तथा प्रशिक्षण व्यवस्था मजबूत करने के लिये हाल के वर्षों में 30 करोड़ डालर से अधिक निवेश किया है.
कंपनी द्वारा कड़े मानदंड अपनाये जाने की बात दोहराते हुए साहनी ने कहा, ‘‘न केवल भारत के नियामक बल्कि दुनिया का कोई भी नियामक रैनबैक्सी से कोई सूचना चाहता है, हमें उन्हें उपलब्ध कराने में खुशी होगी…’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिकी घटनाक्रम के बाद रैनबैक्सी की दवाओं की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल पर भारतीय अधिकारियों द्वारा किसी तरह की जांच से कंपनी अवगत नहीं है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.