मुंबई:बाजार नियामक सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 13 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है. रिलायंस पर लाभ के अनुपात की रपट जारी नहीं का आरोप लगाया गया है. यह आंकड़ा कंपनी की रपट का महत्वपूर्ण अंश माना जाता है और बाजार में कंपनी का शेयर चढ़ाने के समझौते के तहत इसकी नियनित जानकारी देना जरूरी है. सेबी का कहना है कि इस जानकारी का शेयरों की खरीद बिक्री के निवेशकों के फैसले पर असर हो सकता है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस सात साल पुराने मामले में जांच के बाद यह आदेश दिया है. यह मामला मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायसं इंडस्टरीज द्वारा अपने प्रवर्तकों को 12 करोड वारंट जारी करने में कथित अनियमितताओं से जुडा है. यह कहा गया था कि अप्रैल 2007 में इस निर्गम के बाद रिलायंस इंडस्टरीज (आरआईएल) की निर्गम पूर्व चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का अनुपात कम हो गया था. लेकिन कंपनी ने लगातार लगभग छह तिमाही तक प्रति शेयर लाभ के अनुपात की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी.
रिलायंस इंडस्टरीज ने इस जुर्माने के बारे में पूछे गए सवालों पर कोई जवाब नहीं भेजा. नियामक ने 15 पेज के अपने आदेश में कहा है कि कंपनी ने उसके समक्ष कहा कि ‘यदि निर्गम से प्राप्त राशि उसके उचित मूल्य से कम नहीं होती तो इसके प्रति शेयर लाभ :ईपीएस: पर कोई कमी वाला असर नहीं होगा.
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