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बजटपूर्व बैठक : उद्योग जगत ने कारोबार सुगमता और आयकर छूट बढ़ाने की सरकार से की मांग

नयी दिल्ली : देश के प्रमुख उद्योगपतियों और शीर्ष उद्योग संगठनों के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधियों ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने सरकार से कारोबार सुगमता बढ़ाने के उपाय करने पर जोर दिया, ताकि उद्योगों को अधिक आजादी के साथ काम करने की सुविधा […]

नयी दिल्ली : देश के प्रमुख उद्योगपतियों और शीर्ष उद्योग संगठनों के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधियों ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने सरकार से कारोबार सुगमता बढ़ाने के उपाय करने पर जोर दिया, ताकि उद्योगों को अधिक आजादी के साथ काम करने की सुविधा मिल सके. उद्योगपतियों ने 20 लाख रुपये की सालाना कमाई करने वालों के लिए आयकर में कमी किये जाने का भी सुझाव दिया. उनका मानना है कि इससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए अतिरिक्त पैसा होगा और इससे अर्थव्यवस्था की गति तेज होगी.

वित्त मंत्री ने 2020- 21 का आम बजट तैयार करने से पहले उद्योग जगत से सुझाव लेने के लिए बैठक बुलायी थी. इस बैठक में भारती एंटर प्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर और एसोचैम के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका सहित कई जाने-माने उद्योगपतियों ने भाग लिया. बैठक के दौरान उद्योगपतियों ने विलय और अधिग्रहण के दौरान उभरने वाले आयकर मुद्दों को उठाया.

उनका मानना है कि इस तरह के मुद्दों की वजह से विलय और अधिग्रहण की गति धीमी पड़ती है. भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैं आज यहां केवल एक मुद्दे पर विचार-विमर्श करने आया हूं. देश में कारोबार करना सुगम बनना चाहिए. इसी बात पर मेरा जोर रहा है.

उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान विलय एवं अधिग्रहण, कंपनियों के अलग होने, एनसीएलटी की प्रक्रिया और विलय एवं अधिग्रहण के रास्ते में आड़े आने वाली अथवा प्रक्रिया को धीमी करने वाली आयकर कानून की कुछ धाराओं को लेकर सुझाव दिये गये. मित्तल ने कहा कि जो भी कहा गया उसके पीछे सोच यही थी कि उद्योगों को काम करने की अधिक आजादी मिलनी चाहिए और वह बेहतर प्रदर्शन कर सकें, इस पर ध्यान होना चाहिए.

उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि वित्त मंत्री ने अपने सहयोगियों और सचिवों की उपस्थिति में सभी बातों को ध्यान से सुना है. हम इस बजट से बस यही चाहते हैं कि भारतीय उद्यमी और ज्यादा काम कर सकें और वह अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकें. एसोचैम के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के मामले में राज्यों को अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. वहां उद्योगों के समक्ष आने वाले कई मुद्दे हैं, जिनका समाधान जरूरी है.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने भी कुछ इसी तरह के विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा कि हमने कारोबार सुगमता को लेकर बातचीत की. यह मुद्दा आज कई उद्योगों के लिए चिंता बना हुआ है. आरपी- संजीव गोयनका समूह के संजीव गोयनका ने कहा कि ज्यादातर समय बातचीत वृद्धि को प्रोत्साहन देने और कारोबार सुगमता को बढ़ाने पर केंद्रित रही. मेरा मानना है कि वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम सभी तरह के सुझावों को खुले दिल दिमाग से सुन रही थी. मुझे पहली बार इस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया सरकार की तरफ देखने को मिली.

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री को सुझाव दिया कि सालाना 20 लाख रुपये से कम कमाई करने वालों के लिए आयकर कम किया जाना चाहिए. इससे उनके हाथ में खर्च करने के लिए अधिक धन बचेगा और इसका लाभ अर्थव्यवस्था को होगा. हमने वित्त मंत्री से यह भी कहा कि बैंकों को कर्ज की मासिक किस्त कम करने के उपाय करने चाहिए. यह तभी हो सकता है, जब बैंक ब्याज दरें कम करेंगे.

बैठक में वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्‍य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव इंजेती श्रीनिवास, आर्थिक मामले सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्‍व सचिव अजय भूषण पांडेय, डीआईपीएएम सचिव तुहीन कांत पांडे, उद्योग और आतंरिक व्‍यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र, विदेश व्‍यापार महानिदेशालय के महानिदेशक अमित यादव, सीबीडीटी अध्‍यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी, प्रमुख आर्थिक सलाहकार डॉ केवी सुब्रह्मण्‍यम के अलावा वित्त मंत्रालय के अनेक वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख उद्योगपतियों में अन्‍य लोगों के अलावा भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल, जीएमआर समूह के बिजनेस चेयरमैन बीवीएन राव, अशोक लैलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ विपिन सोंधी, आरपी-संजीव गोयनका समूह के अध्‍यक्ष संजीव गोयनका, विप्रो लिमिटेड के वैश्विक मुख्य वित्तीय अधिकारी जतिन दलाल, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के समूह लोक मामलों के अध्‍यक्ष और समूह कार्यकारी बोर्ड के सदस्‍य मनोज चुघ, के रहेजा कोर समूह के समूह अध्‍यक्ष रवि रहेजा, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के अध्‍यक्ष आचार्य बालकृष्ण, सीआईआई के अध्‍यक्ष विक्रम किर्लोस्कर, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष संदीप सोमानी और एसोचैम के अध्‍यक्ष बालकृष्ण गोयनका शामिल थे.

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