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सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का दिख रहा असर, जल्द कम हो सकती है कीमतें थोक मंडी में प्याज 30 के नीचे
प्याज के निर्यात पर लगा दिया गया है प्रतिबंध भंडारण सीमा भी तय मुंबई : प्याज की कीमतों में जल्द खासी कमी आने के संकेत मिलने लगे हैं. गुरुवार को महाराष्ट्र के लासलगांव स्थित प्याज की सबसे बड़ी मंडी में इसकी कीमतें घटकर 30 रुपये प्रति किलो रह गयी. माना जा रहा है कि सरकार […]
प्याज के निर्यात पर लगा दिया गया है प्रतिबंध भंडारण सीमा भी तय
मुंबई : प्याज की कीमतों में जल्द खासी कमी आने के संकेत मिलने लगे हैं. गुरुवार को महाराष्ट्र के लासलगांव स्थित प्याज की सबसे बड़ी मंडी में इसकी कीमतें घटकर 30 रुपये प्रति किलो रह गयी. माना जा रहा है कि सरकार के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध और कारोबारियों पर भंडारण सीमा लगाए जाने का कीमतों पर खासा असर पड़ा है.
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर के मध्य में नासिक जिले में प्याज की थोक मंडी में प्याज की कीमतें 51 रुपये प्रति किलो के स्तर तक पहुंच गयी थीं. गौरतलब है कि लासलगांव मंडी से देश भर में प्याज की कीमतों के लिए एक रुझान तय होता है.
इस बाजार में आने वाले किसी भी उतार-चढ़ाव का असर देश के दूसरे हिस्सों में भी कीमतों पर पड़ता है. गुरुवार को लासलगांव कृषि उत्पादन विपणन समिति में प्याज की औसत थोक कीमत 26 रुपये प्रति किलो रही, जबकि अधिकतम कीमत 30.20 रुपये और न्यूनतम कीमत 15 रुपये प्रति किलो रहीं.
प्याज के निर्यात पर रोक लगाने और व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय होने के बाद देशभर में थोक और खुदरा बाजारों में प्याज के दाम नीचे आने लगे हैं. हमें किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों का ध्यान रखना होगा.
रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री
सरकार ने की है पहल
पिछले हफ्ते ही सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और कारोबारियों पर भंडारण सीमा भी लागू कर दी थी. इसके अलावा दिल्ली और एनसीआर के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए नैफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संगठन (एनसीसीएफ) के साथ ही सरकार के स्वामित्व वाली मदर डेयरी 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही हैं. सकार दूसरे राज्यों से भी उसके बफर स्टॉक से प्याज लेने की पेशकश कर चुकी है.
80 तक पहुंची थी प्याज
अभी तक बीते साल की रबी फसल में किए गए भंडारण से ही बाजार में प्याज की बिक्री की जा रही है. खरीफ की ताजा फसल नवंबर तक बाजार में आने का अनुमान है.
चूंकि प्याज राजनीतिक रूप से खासी संवेदनशील फसल है, इसलिए सरकार ने घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति बनाये रखने के लिए तमाम कदम उठाए हैं. हाल में राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में प्याज की कीमतें 60-80 रुपये किलो तक पहुंच गये थे.
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