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इक्विटी म्यूचुअल फंड में निगेटिव रिटर्न है, तो घबराएं नहीं, स्टेबल रहें
शशांक भारद्वाज, वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग अधिकांश इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेशकों को पिछले एक साल से निगेटिव रिटर्न मिल रहा है. पिछले तीन महीनों में यह गिरावट और बढ़ गयी है. मिडकैप और स्मालकैप फंड का तो बहुत बुरा हाल है. ऐसे में पोर्टफोलियो लाल निशान में चले जाने से निवेशक डरे […]
शशांक भारद्वाज, वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग
अधिकांश इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेशकों को पिछले एक साल से निगेटिव रिटर्न मिल रहा है. पिछले तीन महीनों में यह गिरावट और बढ़ गयी है. मिडकैप और स्मालकैप फंड का तो बहुत बुरा हाल है. ऐसे में पोर्टफोलियो लाल निशान में चले जाने से निवेशक डरे हुए हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि निवेश में बने रहें या बाहर निकल जाएं.
ऐसी परिस्थिति में निवेशकों को इस गिरावट से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए. एक बार शेयर बाजार में रिकवरी शुरू होती है, तो उनका पोर्टफोलियो फिर से संतुलित हो जायेगा.
शेयर बाजार अभी कई वजहों से करेक्शन मोड में है, जिसका असर इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर पड़ा है. लेकिन वैसे निवेशक जिन्होंने लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया है, उन्हें यह समझना चाहिए कि उनका लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है.
आगे बाजार को कोई मजबूत ट्रिगर मिलता है, तो एक बार फिर रिकवरी आनी शुरू हो जायेगी, जैसा कि दो जुलाई यानी शुक्रवार को देखने को मिला. पिछले दिनों एफपीआइ से सरचार्ज हटाये जाने की उम्मीदों में सेंसेक्स 400 अंकों से ज्यादा रिकवर हुआ था. निवेशकों के लिए बेहतर है कि वे शांति से अपने निवेश के साथ बने रहें और बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें. वैसे भी पिछले तीन से पांच साल का रिटर्न उठाकर देखें, तो निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है.
क्या करें नये निवेशक
नये निवेशकों को इक्विटी में निवेश करना चाहिए. उन्हें अच्छे फंड चुनकर एसआइपी के जरिये कुछ न कुछ निवेश करते रहना चाहिए. अभी बाजार में बहुत से शेयर अच्छी खासी गिरावट के साथ आकर्षक वैल्यूएशन पर हैं, ऐसे में यूनिट बढ़ाने का अच्छा मौका है.
बाजार में तेजी आने पर वे इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं. यंग निवेशकों के लिए अभी इक्विटी म्यूचुअल फंड और डाइवर्सिफाइड मिडकैप फंड बेहतर विकल्प है. मिड एज वर्ग के निवेशकों के लिए दो तरह से निवेश करना अच्छा होगा. उन्हें 50 फीसदी निवेश इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंड में और शेष 50 फीसदी निवेश बैलेंस फंड में करना बेहतर विकल्प साबित होगा. अधिक उम्र वर्ग के निवेशकों के लिए लॉर्जकैप और लॉर्ज एंड मिडकैप फंड बेहतर विकल्प हो सकता है. वैसे निवेशक जो कंजर्वेटिव सोच रखते हैं और निवेश को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहते हैं, तो उनके लिए इक्विटी हाइब्रिड फंड बेहतर विकल्प है.
जब शेयर मार्केट गिर हुआ हो, तो म्यूचुअल फंड में निवेश अच्छा माना जाता है. रिस्क रिवॉर्ड रेशियो अनुकूल होता है. अभी अपनी निवेश राशि का 50 प्रतिशत एकमुश्त व बाकी राशि को डेब्ट फंड में एसआइपी करना अच्छी रणनीति होगी.
सरकार ने जीडीपी को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने की और ब्याज दरों को उल्लेखनीय रूप से कम करने की बात कही है. ऐसा होता है तो अगले पांच वर्षों की अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड में बहुत अच्छा लाभ हो सकता है.एक सावधानी रखें, जिन वित्तीय संस्थानों में बुरे ऋण की समस्या है, उनसे थोड़ा दूर रहना श्रेयष्कर है.
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