नयी दिल्ली : रेलवे बोर्ड के आला अधिकारियों ने दो ट्रेनें निजी ऑपरेटरों के हवाले करने के लिए अपने 100 दिवसीय एजेंडे के तौर तरीकों को अंतिम रूप से देने के लिए गुरुवार को निवेशकों, डेवेलपर्स और अन्य हितधारकों के साथ मुलाकात की. यह जानकारी सूत्रों ने दी. सूत्रों ने बताया कि बैठक में मौजूद रहने वालों में नीति आयोग, आर्थिक मामलों के विभाग, वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले लॉजिस्टिक विभाग के अधिकारियों के अलावा रोलिंग स्टॉक निर्माता, एयरलाइन, क्रूज लाइन के अधिकारी और ट्रैवेल एजेंट भी शामिल थे.
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सूत्रों ने संकेत दिया कि निजी ऑपरेटर को सौंपे जाने वाली इन दो ट्रेनों में से एक ट्रेन की पहचान नयी दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस के तौर पर पहले ही कर ली गयी है. रेलवे को अभी दूसरी ट्रेन को अंतिम रूप देना बाकी है. 100 दिन के एजेंडा और बजट में किये गये प्रस्तावों के अनुरूप रेलवे को तेज विकास एवं संपर्क को बढ़ावा देने के लिए यात्री माल ढुलाई सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इसको देखते हुए रेलवे निजी साझेदार खोजने के लिए सक्रिय है.
बैठक में बॉम्बार्डियर, रेलवे यान निर्माता सीएएफ, प्रोपल्शन इक्विप्मेंट आपूर्तिकर्ता मेधा और विस्तारा जैसी एयरलाइन के प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में शामिल रहे एक अधिकारी ने कहा कि हमें इस बारे में सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया कि रेलवे में एक निजी साझेदारी कैसे शुरू की जाए. हमने तौर तरीकों और इस प्रक्रिया में शामिल नियमों पर चर्चा की.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष वीके यादव और सदस्य ट्रैफिक सुनील माथुर मौजूद थे. नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड, आई स्क्वार्ड इंडिया एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, टाटा रियल्टी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसे डेवलपर के प्रतिनिधि भी रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल थे.
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