नयी दिल्ली : देश का चीनी उत्पादन अक्टूबर से शुरू विपणन वर्ष 2019-20 में 14 फीसदी घटकर 2.82 करोड़ टन रहने का अनुमान है. चीनी उत्पादन में कमी का कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में कम बारिश से गन्ने के रकबे में कमी आना है. उद्योग संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इसमा) ने एक बयान में कहा कि चालू विपणन वर्ष 2018-19 में चीनी उत्पादन 3.295 करोड़ टन रह सकता है.
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उसने कहा कि मिलों ने जून तक 3.28 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया और अगले तीन महीनों में 1.0 से 1.5 लाख टन उत्पादन का अनुमान है. इससे कुल उत्पादन 3.290 से 3.296 रहने का अनुमान है. सालाना घरेलू मांग करीब 2.65 करोड़ टन अनुमानित है. एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि विपणन वर्ष 2019-20 में उत्पादन करीब 2.82 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो चालू विपणन वर्ष 2018-19 के मुकाबले 14 फीसदी कम है.
संगठन के अनुसार, उत्पादन का अनुमान सामान्य बारिश और अन्य अनुकूलतम शर्तों पर आधारित है. इसमा ने कहा कि उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर किये गये आकलनों के अनुसार 2019-20 में गन्ने का रकबा 49.31 लाख हेक्टेयर रह सकता है, जो 2018-19 के गन्ना सत्र के 55.02 लाखस हेक्टेयर से कम है.
संगठन के अनुमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन करीब 1.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो चालू वर्ष में 1.18 करोड़ टन के अनुमान के लगभग बराबर है. अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ना क्षेत्र 2019-20 के लिए करीब 30 फीसदी घटा है. इसका कारण सितंबर, 2018 के बाद बारिश कम होना है. इससे गन्ने की खेती पर असर पड़ा.
संगठन के अनुसार, कम बारिश होने की वजह से चीनी का उत्पादन 2018-19 में घटकर करीब 70 लाख टन रहने का अनुमान है, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 में 1.07 करोड़ टन रहने की संभावना है. महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में गन्ने का रकबा कम हुआ है. इससे राज्य में चीनी उत्पादन 2018-19 के 43.6 लाख टन से घटकर 35 लाख टन रहने का अनुमान है. इसमा ने कहा कि 2019-20 के लिए गन्ना और चीनी उत्पादन का यह प्रारंभिक अनुमान है.
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