नयी दिल्ली/ज्यूरिख : काले धन की जांच में सहयोग को लेकर भारत के बढ़ते दबाव के बीच स्विट्जरलैंड के बैंकों ने कहा है कि वे नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं. भारत को इस संबंध में पूरी तरह न्यायोचित अनुरोध ही करना चाहिए. एसोसिएशन ऑफ फॉरेन बैंक्स इन स्विट्जरलैंड का भी मानना है कि स्पष्ट एवं पारदर्शी नीति अपना कर आशंकाओं को दूर किया जा सकता है.
उसने कहा है कि केवल अटकलों के आधार पर सार्वजनिक चर्चा नहीं की जानी चाहिए. यह एसोसिएशन चार दशक से अधिक पुराना समूह है. विदेशों में स्थित बैंकों में जमा कालाधन वापस लाने के लिए भारत ने हाल ही में ऐसे लोगों के बैंक खाता ब्योरा हासिल करने के संबंध में स्विट्जरलैंड को एक नया अनुरोध पत्र भेजा है. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंकिंग प्राधिकरण, स्विस नेशनल बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंकों में भारतीय धन पिछले साल 43 प्रतिशत बढ़ कर करीब 2.03 अरब फ्रैंक (14,000 करोड़ रुपये) पहुंच गया.
* भारत को समझना चाहिए कि एक न्याय की समुचित प्रणाली और कानून के शासन के रूप में स्विट्जरलैंड की छवि को हाल में गंभीर नुकसान हुआ है. इसका कारण वित्तीय मामले नहीं हैं, अन्य मामलों में भी इसके छींटे पड़ते हैं.
मार्टिन मॉरर,महासचिव, एसोसिएशन ऑफ फॉरेन बैंक्स इन स्विट्जरलैंड
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.