नयी दिल्ली: डीजल की कीमत अगले 12 महीने में पूरी तरह नियंत्रण मुक्त हो सकती है, क्योंकि हर महीने दरों में की जानेवाली बढ़ोतरी से वास्तविक लागत और खुदरा मूल्य के बीच के अंतर को पाटने में मदद मिलती है. यह बात बुधवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही.
मूडीज को उम्मीद है कि नयी सरकार नियंत्रित ईंधन उत्पादों (केरोसिन और घरेलू रसोई गैस) के बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी करेगी, ताकि उसका सब्सिडी बोझ कम किया जा सके. सरकार, बहुत संभव है कि डीजल के दाम में हर महीने की जानेवाली 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के रास्ते पर ही आगे बढ़ेगी. ऐसा इसलिए है कि कीमत में एक बार में की गयी बढ़ोतरी का ज्यादा असर होगा और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की जरूरत को देखते हुए एक झटके में वृद्धि को लागू करना मुश्किल होगा.
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने उम्मीद जतायी कि नयी सरकार धीरे-धीरे ईंधन सब्सिडी कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे उत्पादों की कीमत बढ़ेगी. हालांकि, यह तेल विपणन कंपनियों की साख के लिए अच्छा रहेगा. मूडीज के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ ऋण अधिकारी ने कहा, ‘हमें यह भी उम्मीद है कि सरकार अगले 12 महीने में डीजल की कीमत को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त करने की स्थिति में होगी, क्योंकि खुदरा कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार दर के करीब पहुंच रही हैं.’
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