नयी दिल्ली : गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से निवेशकों का लगातार मोहभंग होता जा रहा है. इसी का नतीजा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 150 करोड़ रुपये की निकासी की गयी. निवेशकों के लिए शेयर बाजार पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. गोल्ड ईटीएफ प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जून अंत में 12 फीसदी गिरकर 4,567 करोड़ रुपये रह गयी, जो कि एक वर्ष पहले 5,174 करोड़ रुपये थी. पिछले पांच वित्त वर्षों से गोल्ड ईटीएफ में लगातार गिरावट आ रही है.
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वित्त वर्ष 2017-18 में गोल्ड ईटीएफ से 835 करोड़ रुपये, 2016-17 में 775 करोड़ रुपये, 2015-16 में 903 करोड़ रुपये, 2014-15 में 1,475 करोड़ और 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपये की निकासी की गयी. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (भारत) निदेशक, प्रबंधक (शोध) कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ में पिछले पांच वर्ष से निकासी जारी है. वर्ष 2005 के बाद से कई वर्ष तक सोने की कीमतों में तेजी रही और 2011-12 में यह बढ़कर नयी ऊंचाई पर पहुंच गया और फिर इसमें तेजी से गिरावट आयी. तब से सोना 1,100-1,400 डॉलर प्रति औंस के दायरे में है.
उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में शेयर बाजार में 2014 के बाद से तेजी जारी है, जिससे परिसंपत्ति वर्ग में निवेशक शेयरों का रुख कर रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इक्विटी योजनाओं में 33,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, जून तिमाही में 14 गोल्ड- लिंक्ड ईटीएफ से करीब 146 करोड़ रुपये की निकासी की गयी. पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 218 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. अप्रैल में 54 करोड़, मई में 38 करोड़ और जून में 54 करोड़ की निकासी हुई.
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