नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी वृद्धि हासिल करने के साथ बरकरार रहा. इस दैरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के साथ-साथ कृषि उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन रहा. जनवरी से मार्च, 2018 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की 7.7 फीसदी की वृद्धि दर इस अवधि में चीन की 6.8 फीसदी की वृद्धि से काफी ऊंची रही है. हालांकि, 2017- 18 पूरे साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7 फीसदी रही, जो इससे पिछले वर्ष में हासिल 7.1 फीसदी वृद्धि के मुकाबले धीमी रही है.
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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की आेर से गुरुवार को को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2018 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही, जो कि सात तिमाहियों में सबसे ऊंची रही है. इससे पहले पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 5.6 फीसदी, 6.3 फीसदी और सात फीसदी रही. इस दौरान कृषि क्षेत्र में 4.5 फीसदी, विनिर्माण क्षेत्र में 9.1 फीसदी, निर्माण में 11.5 फीसदी का सकल वृद्धि में बेहतर योगदान रहा है.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी की वृद्धि दर के आंकड़े से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था भविष्य में ऊंची वृद्धि दर पाने के लिए सही राह पर बढ़ रही है. जनवरी-मार्च की तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रही है. गोयल ने ट्वीट किया कि प्रत्येक तिमाही के साथ जीडीपी वृद्धि दर लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी वृद्धि दर से पता चलता है कि यह भविष्य में और ऊंची वृद्धि दर हासिल करने की राह पर है. यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सही विकास है.
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने चौथी तिमाही के वृद्धि आंकड़े आने के बाद कहा कि जीडीपी के ताजा आंकड़े विनिर्माण व निर्माण गतिविधियों में कायापलट का संकेत है. साथ ही, इससे निजी निवेश के जोर पकड़ने का भी संकेत मिलता है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपने 7.5 फीसदी वृद्धि के अनुमान में कोई बदलाव कर रहे हैं. फिलहाल, हम इसे इसी स्तर पर रखेंगे. तेल की कीमतों को ध्यान में रखते हुए मूडीज व अन्य ने कुछ कमी की है, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों और जीडीपी वृद्धि में कोई संबंध नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान को बुधवार को घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया. पहले एजेंसी ने 7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीडीपी वृद्धि के त्रैमासिक आंकड़ों में लगातार बढोतरी इस बात का संकेत है कि सरकार द्वारा उठाये गये ढांचागत बदलावों का फायदा अब ऊंची जीडीपी वृद्धि के रूप में मिल रहा है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, ‘2011-12 के स्थिर मूल्यों के आधार पर 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7% रही. यह दर 2017-18 की पहली तीन तिमाहियों में क्रमश: 5.6%, 6.3% तथा 7% रही थी. अधिया ने लगातार आखिरी दो तिमाहियों में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 8.5% तथा 9.1% रहने का जिक्र करते हुए कहा है कि जीएसटी ने औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा बल दिया है.
वहीं, गर्ग ने ट्वीट किया है कि उम्मीद है कि हमारी अर्थव्यवस्था हर तिमाही में 7.2 से 8% की ऊंची दर से वृद्धि दर्ज करेगी, ताकि 2018-19 में भारत की वृद्धि दर 7.5% रहे. उन्होंने कहा कहा चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत मिलता है, जो कि आने वाले समय में इसे और तेज रफ्तार देगा.
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