भोपाल : मोबाइल पर इंटरनेट उपयोग करने वालों के लिए यह बुरी खबर है. आने वाले चार-पांच साल में मोबाइल इंटरनेट पर जानकारियां, वीडियो और आंकडे भेजने के दाम इतने बढ जाएंगे कि एक आम आदमी उसे वहन करने में असमर्थ हो जाएगा. भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) मध्यप्रदेश दूरसंचार परिमंडल के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएमटी) नरेन्द्र कुमार यादव ने आज यहां विश्व दूरसंचार दिवस पर संवाददाताओं से कहा कि वायरलेस संचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चूंकि ‘स्पैक्ट्रम’ सीमित है और उसका लगभग समूचा हिस्सा आवाज (वायस) पहुंचाने में ही खर्च हो जाता है, इसलिए भविष्य में वायरलेस सेवाओं पर इंटरनेट के जरिए जानकारियां, वीडियो और आंकडे भेजना बेहद खर्चीला और असंभव जैसा हो जाएगा.
एक सवाल के जवाब में उन्हसें ने कहा कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को मोबाइल पर इंटरनेट की सुविधा केवल ‘वाइफाइ’ के जरिए ही मिल पाएगी, क्योंकि तार (कॉपर अथवा ऑप्टिकल फाइबर) से ‘लैण्डलाइन ब्राडबैण्ड’ पर ही असीमित ‘डेटा’ भेजा जा सकता है. इस ब्राडबैण्ड में ‘वाइफाइ’ उपकरण का उपयोग कर मोबाइल पर पूरी आसानी से और किफायती दर पर ‘डेटा डाउनलोड अथवा अपलोड’ किया जा सकता है. यादव ने कहा कि इस साल विश्व दूरसंचार दिवस पर अंतर्राष्टरीय दूरसंचार संघ :आईटीयू: ने संकल्प व्यक्त किया है कि ‘ब्राडबैण्ड फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ :सतत विकास के लिए ब्राडबैण्ड: पर अमल किया जाए. इसलिए बीएसएनएल का भी प्रयास है कि ब्राडबैण्ड सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि पूरे देश में केवल बीएसएनएल ही एकमात्र ऐसी दूरसंचार कंपनी है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सभी तरह की ब्राडबैण्ड सेवाएं प्रदान करने की क्षमता रखती है, चाहे वह ‘वायर लाइन ब्राडबैण्ड’ हो अथवा ‘वायरलैस ब्राडबैण्ड’ हो.
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