नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 250 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को 30 फीसदी से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. आम बजट 2018-19 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे समूचे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र को फायदा होगा.
कर रिटर्न दाखिल करने वाली कंपनियों में से 99 प्रतिशत एमएसएमई क्षेत्र की होती हैं. इससे वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार को अनुमानित 7,000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ना पड़ेगा. हालांकि, 250 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों को 30 प्रतिशत कॉरपोरेट कर ही देना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर को कम करने से कंपनियों के पास निवेश के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा. जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में कॉरपोरेट कर की दरों को घटाने का वादा किया था.