नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी के थोक और खुदरा दोनों ही बाजारों में प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट आना शुरू हो गयी है. व्यापारियों के अनुसार, आवक में सुधार से इनके भाव नरम हो रहे हैं. व्यापारिक आंकड़ों के अनुसार, प्याज की खुदरा कीमत 80 रुपये प्रति किलो से घटकर 50-60 रुपये किलो तक आ गयी है. इसी तरह टमाटर 70-80 रुपये प्रति किलो की जगह घटकर सोमवार को 45 रुपये किलो के भाव बिक रहा था. देश के अन्य भागों में टमाटर और प्याज के दाम गिरने लगे हैं.
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दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर व्यापारी संघ के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने कहा कि दक्षिण भारत, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से टमाटर की आपूर्ति में सुधाार हुआ है. इससे इसकी थोक बिक्री कीमत में गिरावट आयी है. उन्होंने दावा किया कि आजादपुर में टमाटर की आवक लगभग दोगुनी होकर 500 टन तक पहुंच गयी है. पिछले सप्ताह आवक लगभग 200-250 टन थी. टमाटर का थोक भाव स्थानीय मंडी में सोमवार को घटकर 20 से 30 रुपये किलो रहा. एक सप्ताह पहले यह 40 से 60 के बीच में था. कौशिक ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में टमाटर की आवक बढ़ने के साथ इसके और सस्ता होने की उम्मीद है.
प्याज के मामले में राष्ट्रीय राजधानी के थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज की कीमत में गिरावट आयी है, लेकिन यह गिरावट पर्याप्त नहीं कही जा सकती. आजादपुर मंडी के प्याज एवं आलू व्यापारी संघ के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि समुद्री तूफान ओखी के बाद महाराष्ट्र और गुजरात के उत्पादक क्षेत्रों में उत्पादन किये गये प्याज का भींग जाना था. उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों में भेजे जाने के लिए ट्रक में लदान करने के पहले प्याज को सुखाये जाने की आवश्यकता है. हालांकि, फसल अच्छा है, लेकिन कुछ समय के लिए इसके परिवहन में कुछ आरंभिक दिक्कतें रहेंगी, जिससे कीमतों पर दवाब रह सकता है.
उन्होंने कहा कि आजादपुर की मंडी में प्याज की आपूर्ति मांग को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त है. यहां की मंडी में सोमवार को महाराष्ट्र और राजस्थान से 1,000 टन से अधिक प्याज की आवक हुई, जबकि पिछले सप्ताह का 900 टन का स्टॉक भी उपलब्ध था. उन्होंने कहा कि सोमवार को प्याज का थोक मूल्य गुणवत्ता के आधार पर करीब 25 से 35 रुपये किलो चल रहा है, जो पिछले सप्ताह के 50 रुपये प्रति किलो के स्तर से काफी कम है. प्याज की आपूर्ति को बढाने तथा कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर अडचन लगाने के साथ कई अन्य उपाय भी किये हैं.
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