मुंबई: डालर मांग बढ़ने से रुपया आज 10 माह के निम्न स्तर को छू गया. कारोबार की समाप्ति पर यह 21 पैसे की गिरावट के साथ 56.17 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.
डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 56 के स्तर को पाकर करते हुये 56.17 रुपये तक गिर जाने से आयात और महंगा होगा जिसकी वजह से सरकार का चालू खाते के घाटे (सीएडी) की स्थिति और बदतर होने की संभावना है. आयात महंगा होने से आम आदमी पर भी बुरा असर होगा.
बाजार सूत्रों के अनुसार पूंजी प्रवाह यदि बेहतर नहीं होता तो रुपये में और तगड़ी गिरावट आती. आज शेयर बाजार में 10 करोड़ डालर के लगभग पूंजी प्रवाह हुआ. अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 56.18 रुपये प्रति डालर पर खुला जो पहले 55.96 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान यह 56 रुपये प्रति डालर तक सुधरने के बाद तत्काल 10 माह के निम्न स्तर 56.37 रुपये प्रति डालर तक लुढ़क गया और अंत में 21 पैसे अथवा 0.38 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 56.17 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.कल इसमें 39 पैसे अथवा 0.70 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
मई में अभी तक रुपया करीब 4.4 प्रतिशत लुढ़क चुका है. बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में इस बीच तीन दिनों की तेजी थम गई और 13.18 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने डालर-रुपया कारोबार के लिये आज संदर्भ दर 56.2430 रुपये प्रति डालर और यूरो के लिये 72.3240 रुपये प्रति यूरो निर्धारित किया. पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में गिरावट आई.
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