नयी दिल्लीः कालेधन पर वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आेर से नोटबंदी की घोषणा के बाद मार्च महीने में 500 आैर 1000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने की प्रक्रिया बंद कर दी गयी हो, लेकिन देश में अब भी इन नोटों की धड़ल्ले से अदला-बदली की जा रही है. फर्क सिर्फ इतना है कि इस अदला-बदली के बदले मोटा कमीशन लिया जा रहा है. हिंदी के अखबार इकोनाॅमिक्स टाइम्स में प्रकाशित की गयी खबर के अनुसार, 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट अब भी ऊंचे कमीशन पर बदले जा रहे हैं, जबकि इनको बैंक में जमा कराने की समयसीमा 30 दिसंबर, 2016 को ही समाप्त हो गयी थी. बताया यह जा रहा है कि बिचौलिये पुराने नोटों के मामले में नियमों की हर खामी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी वजह से यह धंधा अभी भी चल रहा है. इन नोटों की लॉन्ड्रिंग के लिए एनआरआई की मदद ली जा रही है, क्योंकि उनके लिए पुराने नोट जमा कराने की आखिरी तारीख 30 जून है. उनको अपने खातों में पुराने नोट जमा कराने के लिए भारी कमीशन ऑफर किया जा रहा है.
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इस धंधे से जुड़े लोगों का कहना है कि अभी अगर आप 1 करोड़ रुपये के पुराने नोट देंगे, तो उसके बदले आपको 9 लाख रुपये मिलेंगे. कोई 1 करोड़ देकर 9 लाख रुपये क्यों लेगा, यह पूछे जाने पर धंधेबाज बताते हैं कि कई ऐसे लोग हैं, जो सरकार से अपनी आमदनी का जरिया छिपाना चाहते हैं. जिन लोगों ने पुराने नोट जमा नहीं कराये हैं, उन्हें डर है कि ऐसा करने पर उनकी फ्यूचर सोर्स ऑफ इनकम भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों में आ जायेगी.
उन्होंने बताया कि वे लोग 1 फीसदी कमीशन पर पुराने नोट एनआरआई को दे देते हैं. एनआरआई ने हम लोगों से संपर्क किया. हम उनसे 1 करोड़ पुराने नोटों के बदले 10 लाख के नये नोट मांगते हैं. इस तरह से यह धंधा चल रहा है. उन्होंने बताया कि 1 करोड़ पुराने नोट पर उन्हें 50,000 रुपये से एक लाख रुपये तक का कमीशन मिल रहा है.
धंधेबाजों ने कहा कि एनआरआई के लिए 30 जून की अंतिम तिथि तय की गयी है, लेकिन वह अपना काम 25 जून को ही बंद कर देंगे. उनके मुताबिक, 25 जून के बाद धंधे में खतरा बहुत बढ़ जायेगा. पिछले ही महीने ठाणे पुलिस ने 1 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलवाने की कोशिश कर रहे 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. हैदराबाद पुलिस ने भी कुछ दिन पहले 3.48 करोड़ रुपये की पुरानी करंसी बरामद की थी. अखबार ने इस धंधे से जुड़े दूसरे लोगों से भी बात की. उन्होंने भी बताया कि 1 करोड़ के बदले 9 लाख रुपये के रेट पर पुराने नोट बदले जा रहे हैं.
वहीं, इस मामले में रिजर्व बैंक के अधिकारियों का कहना है कि इस गैर-कानूनी धंधे की खबर उनको भी है, लेकिन इसको रोकना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. वे उन एनआरआई से नोटों की अदला-बदली कर रहे हैं, जो फुलप्रूफ डॉक्युमेंट्स दे रहे हैं. इस बारे में अखबार ने ईमेल के जरिये सवाल पूछे थे, लेकिन उनका जवाब नहीं मिला. दो जून को रिजर्व बैंक ने कहा था कि एनआरआई को 30 जून तक उसके मुंबई, दिल्ली, चेन्नर्इ, कोलकाता और नागपुर ब्रांच में नोट बदलने का मौका मिलेगा.
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