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Bihar Election: वोटर लिस्ट की सघन जांच पर राजद ने उठाया सवाल, माले नेता दीपंकर ने बताया एनआरसी जैसी कवायद

Bihar Election: भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारत निर्वाचन आयोग के इस पहल पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. दीपंकर ने इसे एनआरसी जैसी कवायद करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कवायद असम में हुए एनआरसी अभ्यास की याद दिलाती है.

Bihar Election: पटना. बिहार के राजनीतिक दलों के साथ बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ बैठक में राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराने का पुरजोर शब्दों में विरोध किया है. इसका सभी दलों ने समर्थन किया. भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारत निर्वाचन आयोग के इस पहल पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. दीपंकर ने इसे एनआरसी जैसी कवायद करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कवायद असम में हुए एनआरसी अभ्यास की याद दिलाती है.

लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश

माले महासचिव ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में इस तरह की प्रक्रिया न केवल प्रशासनिक रूप से अव्यावहारिक है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर आम जनता-विशेषकर गरीब, दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग मतदाता सूची से बाहर कर दिये जायेंगे. दीपंकर ने कहा एक जुलाई, 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे किसी व्यक्त को अपने माता या पिता में से किसी एक के भारतीय नागरिक होने और दो दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे लोगों को माता-पिता दोनों के नागरिक होने के प्रमाण देने की जो शर्त लगायी जा रही है, वे असम जैसे उदाहरणों से साफ है कि कैसे यह लाखों लोगों को उनके मताधिकार से वंचित कर सकती है.

पुनरीक्षण क्यों जरूरी है

बिहार में आखिरी बार ऐसा गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था. अब लगभग दो दशक बाद फिर से यह अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए निर्वाचन आयोग का मानना है कि इससे राज्य में स्वच्छ और सटीक वोटर लिस्ट तैयार होगी, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी और हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार मिलेगा. आयोग ने कहा कि तेजी से बढ़ती शहरीकरण, प्रवासन, युवा मतदाता बनने, मौत की सूचनाएं न मिलने और विदेशी अवैध प्रवासियों के नाम जुड़ने जैसे कारणों से यह पुनरीक्षण जरूरी हो गया है. इस प्रक्रिया में बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर नामों की जांच करेंगे. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि इस काम में चुनाव आयोग संविधान और कानून के नियमों का पूरी तरह पालन करेगा, ताकि केवल पात्र मतदाता ही वोटर सूची में शामिल हों.

Also Read: छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के आसार, 22 साल बाद आयोग जांच रहा वोटर लिस्ट

Ashish Jha
Ashish Jha
Senior Journalist with more than 10 years of experience in reporting in Print & Digital.

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