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चुनावी मौसम में बढ़ी फूलों की चमक, करोड़ों का हुआ कारोबार

चुनावी मौसम में बढ़ी फूलों की चमक, करोड़ों का हुआ कारोबार पूर्णिया. चुनावी रेस में चाहे जो बाजी मारे लेकिन इस चुनावी दंगल में फूलों का कारोबार परवान पर है. चुनाव को लेकर जहां त्योहारी बाजार पर असर दिख रहा है वहीं फूलों का कारोबार इस चुनाव में दो करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर […]

चुनावी मौसम में बढ़ी फूलों की चमक, करोड़ों का हुआ कारोबार पूर्णिया. चुनावी रेस में चाहे जो बाजी मारे लेकिन इस चुनावी दंगल में फूलों का कारोबार परवान पर है. चुनाव को लेकर जहां त्योहारी बाजार पर असर दिख रहा है वहीं फूलों का कारोबार इस चुनाव में दो करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. रही-सही कसर चुनाव परिणाम के बाद पूरी हो जायेगी. चुनावी फूल की मांग इतनी है कि पूर्णिया के फूल कारोबारी अब पटना व कोलकाता के फूल बाजारों से संपर्क में जुड़ गये हैं. गेंदा, रजनीगंधा एवं गुलाब के फूलों के साथ-साथ मंच डेकोरेटरों की बल्ले-बल्ले है. शादी-ब्याह के लग्न एवं त्योहारी मौसम से पहले फूलों के कारोबार को लेकर तनाव में रहने वाले फूल कारोबारी चुनावी सभा के मंच से लेकर प्रत्याशियों के स्वागत के लिए फूलों के जुगाड़ में व्यस्त है. फूल कारोबारी तनु दत्ता, रेहान तथा सुमित देव की माने तो इस चुनावी दौड़ में फूलों के साथ मंच डेकोरेटर की कमी के कारण बंगाल के डेकोरेटरों को भी बुलाया गया है. सुमित देव की माने तो यह पहली बार है कि इतने बड़े पैमाने पर राजनैतिक पार्टियों के लिए फूलों का डिमांड आया है.फूलों की सजावट बना स्टेटस सिंबल फूल कारोबारियों के अनुसार राजनैतिक पार्टियों के सभा रैली एवं क्षेत्र भ्रमण के दौरान बुके, गेंदा फूल का माला तथा मंच का बेहतरीन साजो सज्जा एक स्टेटस सिंबल बन गया है. यह पहली बार हुआ है कि इतने बड़े पैमाने पर शहर से लेकर गांव तक छोटी बड़ी सभाओं में भी फूलों की डिमांड बढ़ी है. इतना ही नहीं मंच के साजो सज्जा के लिए भी असली फूलों की मांग है. अलबत्ता कोलकाता एवं पटना के बाजारों से फूलों की खेप मंगायी जा रही है. जैसा डिमांड वैसा पैसा फूल कारोबारी रत्नेश रक्षित के अनुसार फूलों के बढ़ते डिमांड को लेकर फूलों का बाजार गर्म है. महीनों पहले से बुकिंग जारी है. बड़ी पार्टियों के अलावा छोटी क्षेत्रीय पार्टियां हो या फिर स्वतंत्र उम्मीदवार सबके ऑर्डर बुक है. रत्नेश की माने तो छोटी सभाओं के लिए 20 से 25 हजार रुपये तथा बड़ी सभाओं में लाख रुपये से ऊपर का खर्च आता है. इसके बाद गुलाब, रजनीगंधा वगैरह नेचुरल फूलों का दाम अलग से तय होता है. दीपावली के पहले कारोबार दो करोड़ पार बंगाल के फूल कारोबारी रत्नेश बताते हैं कि पिछले एक महीने में रायगंज, सिलीगुड़ी तथा कोलकाता से करीब एक करोड़ से अधिक का फूल पूर्णिया आ चुका है. वहीं सुमित की माने तो पूर्णिया के फूलों के अलावा पटना व मुजफ्फरपुर से प्रतिदिन करीब दस लाख का फूल मंगाया जा रहा है. इसके अलावा आगामी आठ तारीख तक के लिए कई ऑर्डर बुक है जिसमें बड़ी सभाओं से लेकर जन संपर्क अभियान तक में फूलों की मांग है. फूल कारोबारियों की माने तो दीपावली से पहले ही फूल का कारोबार दो करोड़ से अधिक पहुंच गया है. बड़ी पार्टियों के लिए बंगाल के डेकोरेटर वैसे तो पूर्णिया में भी डेकोरेटरों की कमी नहीं है लेकिन अचानक बढ़ी डिमांड से इनकी संख्या कम पड़ गयी है. चुनावी मौसम में लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की बढ़ी संख्या और बेहतर मंच दिखाने की होड़ में फूलों के साथ डेकोरेटरों की डिमांड भी बढ़ी है. अलबत्ता बंगाल से करीब दो सौ से अधिक डेकोरेटर मंगाये गये है बल्कि बड़ी पार्टियों की रैली में खास कर सिलीगुड़ी एवं रायगंज के डेकोरेटरों ने मंच के साजो-सज्जा का कमान संभाल रखा है.फोटो:-1 पूर्णिया 15परिचय:- फ्लावर डेकोरेटर की दुकान.

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