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पेयजल में फ्लोराइड की मात्र कई गुणा अधिक
नवादा (नगर) : जिले के कई क्षेत्रों में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्र मानक से कई गुणा अधिक है. फ्लोराइड युक्त पानी पीने के कारण कई प्रकार की जानलेवा बीमारियां होती है. जिले के रजाैली व कौआकोल आदि प्रखंडों में तो फ्लोराइड के कारण कई गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं. रजाैली […]
नवादा (नगर) : जिले के कई क्षेत्रों में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्र मानक से कई गुणा अधिक है. फ्लोराइड युक्त पानी पीने के कारण कई प्रकार की जानलेवा बीमारियां होती है. जिले के रजाैली व कौआकोल आदि प्रखंडों में तो फ्लोराइड के कारण कई गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं. रजाैली के कचहरिया डीह में फ्लोराइड का असर सबसे अधिक है. गांव के दर्जनों लोग अपंग हो गये हैं.
हालांकि, पेयजल में फ्लोराइड की मात्र को कम करने के लिए पीएचइडी द्वारा कई कारगर कदम उठाये गये हैं. उनमें से एक फ्लोराइड रिमुवल अटैचमेंट यूनिट चापाकल है. जिले के 180 स्थानों पर यह चापाकल लगाया है. इसमें चापाकल के साथ फ्लोराइड रिमुवल यंत्र लगा होता है, जो नीले रंग का सिलिंडर नुमा होता है. रजाैली, हरदिया, कौआकोल, मेसकौर आदि क्षेत्रों में यह यंत्र लगा चापाकल गाड़ा गया है.
सोलर से चलने वाले वाटर टैंक बने : ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए पीएचइडी द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत सोलर से चलने वाले वाटर टैंक बनाये गये हैं.
कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की पहुंच अब तक नहीं हो पायी है. वैसे स्थानों पर सौर ऊर्जा की मदद से चलने वाले मोटर पंप लगा कर पेयजल की आपूर्ति की गयी है. फिलहाल पांच स्थानों पर सोलर के माध्यम से चलने वाले मोटर पंप लगे हैं. इससे वाटर टैंक में पानी जमा करके गांव में पाइप लाइन द्वारा वाटर सप्लाइ किया जाता है. प्रत्येक सोलर ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 70 से 80 लाख रुपये की लागत आयी है. नये वित्तीय वर्ष में नये स्थानों पर भी सोलर ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू होने की संभावना है.
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