भागलपुर: ओम बाबा हत्याकांड की गुत्थी का सुलझाने में भागलपुर पुलिस की पांच सदस्यीय टीम अब वैज्ञानिक जांच की मदद लेगी. पूछताछ में कई संदिग्धों के बयान कलमबद्ध करने के बाद भी कोई खास नतीजा सामने नहीं आने पर पुलिस ने अब संदिग्धों का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. बता दें कि अब तक पुलिस ने लगभग दो दर्जन लोगों का बयान लिया है. इसमें पार्षद, पूर्व पार्षद, व्यवसायी, स्थानीय लोग और बाबा के यहां उठने-बैठने वाले कई लोग शामिल हैं. एसएसपी राजेश कुमार ने बताया कि पॉलीग्राफिक टेस्ट यह बता देगा कि बयान देनेवाले लोगों ने जो पूर्व में बयान दिया था वह कितना सच था.
पुलिस की हर संभव मदद करेंगे: मेयर
मेयर दीपक भुवानियां ने कहा कि ओम बाबा हत्याकांड में पुलिस उनसे जो भी मदद चाहेगी वे करने को तैयार हैं. वे बाबा की हत्या से मर्माहत हैं.
कोई भी जांच करा ले पुलिस
इस हत्याकांड में पुलिस को दिये गये बयान में रत्तीभर भी अंतर नहीं आने वाला है. मैनें जो भी बयान दिया है वह पॉलीग्राफ अंतर नहीं करेगा. ये बातें एक सवाल के जवाब में पार्षद संतोष कुमार व पूर्व पार्षद शंकर पोद्दार ने कहीं. बता दें कि इसी प्रकार की बातें उन सभी लोगों ने कही है जिन्होंने इस हत्याकांड में पुलिस के सामने पूर्व में बयान दर्ज करवाया है.
क्या होता है पॉलीग्राफिक टेस्ट
पुलिस के विशेषज्ञों के अनुसार झूठ पकड़नेवाला एक डिटेक्टर, जो रक्तचाप, नाड़ी, श्वसन और त्वचा चालकता के रूप में शारीरिक सूचकांक विषय में पूछे गये सवाल का उत्तर देता है. पालीग्राफ भ्रामक जवाब और भ्रामक जवाब से जुड़े लोगों की सहज पहचान कर लेता है. परीक्षण के दौरान फौरन झूठ-सच का भेदभाव कर सकता है यह टेस्ट.