कालिम्पोंग : नेपाली भाषा के चर्चित कवि एवं लेखक हायमानदास राई किरात का निधन हो गया है. उनकी उम्र 101 वर्ष थी. उनके निधन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक प्रकट किया है और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना जतायी है. रविवार शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें माल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं पर रात 10.30 बजे के करीब उनका निधन हो गया. दिवंगत साहित्यकार का अंतिम संस्कार मंगलवार को गोरूबथान में होगा.
11 फरवरी 1919 को कालिम्पोंग जिले के गोरूबथान ब्लॉक अंतर्गत पहाड़ी गांव में जन्मे थे हायमानदास राई किरात. पेशे से शिक्षक के अलावा साहित्य रचना के प्रति उनका लगाव गहरा था. 1952 में लिखी उनकी कहानी चौकीदार ने उन्हें ख्याति दिलायी. उसके बाद उनका सृजनकर्म निरंतर चलता रहा. नेपाली साहित्य के प्रति उनके योगदान को देखते हुए साहित्य अकादमी ने उन्हें सम्मानित किया है.
जीटीए प्रशासन के पक्ष से उन्हें लाइफ-टाइम एचीवमेंट एवार्ड से नवाजा जा चुका है. परिवारवालों के प्रति संवेदना जताने के लिए जीटीए के कार्यवाहक चेयरमैन अनित थापा सोमवार को हायमानदास के निवास पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. जीटीए उनके वासस्थान को संग्रहालय एवं पुस्तकालय के रूप में परिणत करेगा. गोजमुमो के भूमिगत नेता विमल गुरुंग ने भी हायमानदास राई किरात के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है.
रचनाएं: हायमानदास के 12 कथा संग्रह, तीन उपन्यास एवं तीन कविता संग्रह प्रकाशित हैं. 1950 के दशक में उन्होंने नवयुग पुस्तक मंदिर जैसे मजबूत साहित्यिक प्रकाशन संस्था की स्थापना की. उनके कथा संग्रह ‘केही नमिलेका रेखाहरू’ के लिए 2008 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.