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एनडीटीवी पर सीबीआई ने एक और एफ़आईआर दर्ज की

<p>केंद्रीयअन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने समाचार चैनल एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के ख़िलाफ़ विदेशी निवेश से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया है.</p><p>प्रणय रॉय और राधिका रॉय एनडीटीवी के संस्थापक भी हैं. एनडीटीवी ने इन नए आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है.</p><p>सीबीआई और प्रवर्तन […]

<p>केंद्रीयअन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने समाचार चैनल एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के ख़िलाफ़ विदेशी निवेश से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया है.</p><p>प्रणय रॉय और राधिका रॉय एनडीटीवी के संस्थापक भी हैं. एनडीटीवी ने इन नए आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है.</p><p>सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय पहले से ही प्रणय रॉय और एनडीटीवी के ख़िलाफ़ कई आरोपों में जांच कर रहे हैं.</p><p>हाल ही में प्रणय और उनकी पत्नी राधिका को विदेश जाने से रोक दिया गया था.</p><p>वहीं एनडीटीवी ने एक बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज किया है.</p><p>एनडीटीवी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, &quot;स्वतंत्र प्रेस के निरंतर उत्पीड़न के रूप में एनडीटीवी पर सीबीआई ने एक नया मुक़दमा दर्ज किया है.&quot;</p><p>बयान में कहा गया, &quot;ये मुक़दमा एनडीवीटी के ग़ैर-समाचार बिज़नेस में 15 करोड़ डॉलर के विदेशी निवेश से जुड़ा है. ये निवेश बड़े अमरीकी समूह जनरल इलेक्ट्रिक की कंपनी एनबीसीयू ने किया था.&quot;</p><p>एनडीटीवी ने अपने बयान में कहा है कि अभी तक एजेंसियों को एनडीटीवी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है.</p><p>एफ़आईआर में दावा किया गया है, &quot;साल 2004 से 2010 के बीच एनडीटीवी लिमिटेड ने 32 सहायक कंपनियां दुनिया के कई देशों में शुरू की, अधिकतर को हालैंड, ब्रिटेन, दुबई, मलेशिया और मॉरीशस जैसे टेक्स हेवेन देशों में खड़ा किया गया.&quot;</p><p>एफ़आईआर के मुताबिक इनमें से अधिकतर कंपनियों ने कोई व्यापारिक लेनदेन नहीं किया और ये सिर्फ़ विदेश से पैसा लाने के मक़सद से शुरू की गईं थीं.</p><p>एफ़आईआर में ये भी दावा किया गया है कि कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों ने इन कंपनियों में निवेश किया. </p><p>एफ़आईआर में दावा किया गया है, &quot;अज्ञात सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार का पैसा एनडीटीवी लिमिटेड के ज़रिए निवेश किया गया.&quot;</p><p>वहीं एनडीटीवी ने इस नई एफ़आईआर को स्वतंत्र प्रेस का उत्पीड़न बताते हुए ये भी कहा है कि स्वतंत्र प्रेस को दबान के ये प्रयास कामयाब नहीं होंगे.</p><p>कंपनी के बयान में कहा गया, &quot;ये किसी कंपनी या व्यक्ति से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता को बरकरार रखने की एक लंबी लड़ाई है.</p><p>एनडीटीवी ने अपने बयान में कहा है कि उसे देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और भारत प्रेस स्वतंत्रता के लिए जाना जाता रहा है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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