मुजफ्फरपुर/पटना : मुजफ्फरपुर के गायघाट स्थित जरंगबालुहाना गांव की 14 वर्षीय उर्मिला ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त)अभियान की रोल मॉडल बन गयी हैं. उसके अथक प्रयासों की बदौलत ही उसका ग्राम पंचायत ओडीएफ घोषित हो सका. इस प्रयास के लिए विभाग भी उसे सम्मानित करेगा. साथ ही उसको दी जा रही स्कॉलरशिप की अवधि भी बढ़ा दी गयी है.
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गायघाट की उर्मिला बनी ओडीएफ की रोल मॉडल
मुजफ्फरपुर/पटना : मुजफ्फरपुर के गायघाट स्थित जरंगबालुहाना गांव की 14 वर्षीय उर्मिला ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त)अभियान की रोल मॉडल बन गयी हैं. उसके अथक प्रयासों की बदौलत ही उसका ग्राम पंचायत ओडीएफ घोषित हो सका. इस प्रयास के लिए विभाग भी उसे सम्मानित करेगा. साथ ही उसको दी जा रही स्कॉलरशिप की अवधि […]
अधिकारियों ने कहा कि उर्मिला का धीरज, संकल्प और साहस दूसरी महिलाओं को भी निजता एवं सुरक्षा पाने के लिए प्रभावित एवं प्रोत्साहित करेगा. उर्मिला की उम्र 14 साल है. वह अनाथ है. उसने बचपन में अपने माता–पिता खो दिये थे और तब से उसके सगे-संबंधियों ने ही पाला है.
साफ–सफाई के स्वच्छ अभ्यासों के बारे में मिली जानकारी से ही उसके परिवार के सदस्य हर समय स्वच्छ वातावरण एवं स्वच्छ टॉयलेट की जरूरत के लिए प्रेरित हुए. वह अक्सर इस मुद्दे पर सोचती थी कि शौच के लिए किसी. किशोरी का बाहर जाना निजता का हनन और सुरक्षा के लिए खतरा है. शर्म एवं निजता की जरूरत के कारण कई महिलाएं रात में शौच के लिए जाती थीं. इसके बाद वह घर में एक टॉयलेट बनवाने की दिशा में काम करने लगी.
टॉयलेट बनाने के लिए पूंजी की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी. उर्मिला ने इस वादे के साथ पड़ोसियों से मदद मांगी कि वह बाद में उनके पैसे लौटा देगी. इस तरह उसे अपने घर में टॉयलेट बनाने के लिए पैसा जुटाने में सहयोग मिला. उसके जुनून से बाकी लोग प्रेरित हुए.
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