कोलकाता : जादवपुर मामले में राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक साहसी कदम उठाया है. जादवपुर में छात्र आंदोलन को लेकर जो स्थिति बन गयी थी, उसका मुकाबला करना काफी मुश्किल था. इसी दौरान राज्यपाल ने खुद जो भूमिका अदा की वह बंगाल के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ. यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का.
प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और उनके इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की. इस प्रतिनिधिमंडल में श्री विजयवर्गीय के साथ संयुक्त महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश, पश्चिम बंगाल में भाजपा के सह इंचार्ज अरविंद मेनन के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल राय शामिल थे.
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि राज्यपाल ने जो साहसी कदम उठाया, वह प्रशंसनीय है. विश्वविद्यालय में जब ऐसी स्थिति आ गयी थी कि सैकड़ों छात्र उग्र स्थिति में थे, माहौल तनावपूर्ण था, एक केंद्रीय मंत्री छात्रों के आंदोलन के बीच लगातार छह घंटों से घिरे हुए थे, उस स्थिति में राज्यपाल का कुलाधिपति व एक अभिभावक होने के कारण खुद वहां जाकर आक्रोशित छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश करना एक साहसिक कदम था. उन्होंने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को भी घेरावमुक्त कराया. यह नजारा बंगाल में इसके पहले कभी नहीं देखा गया.