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आदिवासी बालाओं ने रैंप पर यूं बिखेरा जलवा

जमशेदपुर : जैसे-जैसे शाम ढल रही थी, रात जवां हो रही थी. ट्राइबल व वेस्टर्न म्यूजिक की फ्यूजन धून मस्ती का रस घोल रही थी. हल्के सर्द मौसम में फैशन शो में जब ट्राइबल मॉडल्‍स अपने पारंपरिक आउटफिट में रैंप पर कैटवॉक के लिए उतरीं तो सभी की निगाहें थम गयीं. ट्रेडिशनल और वेस्टर्न संगीत […]

जमशेदपुर : जैसे-जैसे शाम ढल रही थी, रात जवां हो रही थी. ट्राइबल व वेस्टर्न म्यूजिक की फ्यूजन धून मस्ती का रस घोल रही थी. हल्के सर्द मौसम में फैशन शो में जब ट्राइबल मॉडल्‍स अपने पारंपरिक आउटफिट में रैंप पर कैटवॉक के लिए उतरीं तो सभी की निगाहें थम गयीं. ट्रेडिशनल और वेस्टर्न संगीत के संगम से बनी म्यूजिक धुन पर रैंप पर ट्राइबल मॉडल्स ने कैटवॉक कर फैशन का जलवा बिखेरा.

झारखंड की दो आदिवासी बालाओं ने नगाड़ा बजाकर फैशन शो का आगाज किया. ट्राअबल मॉडल्स ने अपनी चुलबुली अदाओं से हर किसी को मदहोश कर दिया. भारतीय संस्कृति का हर कोई कायल है. इसकी बानगी मंगलवार को उस समय देखने को मिली, जब विदेशी मॉडल्स ने रैंप पर रंग-बिरंगे परिधान में अपना जलवा बिखेरा. मैदान में कुछ जगह पूरा परिवार झूमकर खुशियां मना रहा था तो ज्यादातर जगह कपल्स म्यूजिक के साथ मस्ती कर रहे थे.

एक से बढ़कर एक सुंदर डिजाइन परिधान पहनकर मॉडल्स रैंप पर उतरीं तो दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गये. ट्राइबल फैशन शो में 40 जनजातीयों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी.

नागालैंड व त्रिपुरा के कलाकारों ने बांधा समां
रंगारंग सांस्कृतिक संध्या का आगाज भील जनजाति समुदाय के कलाकारों ने प्रार्थना गीतों से किया. उसके बाद केरल, असम, नागालैंड व मेघालय के कलाकारों ने अपने पारंपरिक गीत और संगीत की प्रस्तुति देकर सांस्कृतिक संध्या को रंगीन बनाया. त्रिपुरा के कलाकारों ने फसल कटनी के त्योहार ममिता उत्सव नृत्य को मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया. उत्सव के दौरान घर-घर जाकर यह नृत्य प्रस्तुत किया जाता है. असम की राभा जनजाति ने प्रेम व विरह का सथर नृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी. दर्शक भी मैदान में एक दूसरे का हाथ थामे नृत्य करने से खुद को रोक नहीं सके. नागालैंड की चकेसंग जनजाति के कलाकारों ने योद्धा नृत्य कर दर्शकों में जोश भरा. यह नृत्य युवा अपने पूर्वजों को याद करने के लिए करते हैं.

देश-विदेश से आये आदिवासी समुदाय को समझा

मैंने सोचा भी नहीं था कि यह इतना अच्छा कार्यक्रम है. देश विदेश से आये आदिवासी समुदाय के लोगों से मिलने का मौका मिला. उनको समझने अवसर प्राप्त हुआ.
– रॉकी मुरासिंह

आदिवासी समुदाय को एक मंच पर लाने के लिए टाटा स्टील को धन्यवाद. टाटा बहुत ही सुंदर शहर है. यहां से बहुत कुछ नया सीख कर जा रहे हैं.
– वांलालताना कैपेंग

इतने सारे लोगों से मुलाकात और उनसे बातचीत कर काफी खुशी महसूस कर रही हूं. यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला.
– पिनाकी देव शर्मा

यहां आकर विशेषज्ञों का विचार सुनने को मिला. उनके विचार-विमर्श से बहुत सारी चीजें सीखने को मिली. इसके लिए टाटा स्टील को आभार प्रकट करते हैं.
-सुजीत देव वर्मा

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