रांची : राजधानी में 17 से 19 जनवरी तक जनजातीय दर्शन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होगी. इसमें देश-विदेश के विद्वान शामिल होंगे. राज्य सरकार के जनजातीय मामलों के विभाग के सहयोग से डॉ रामदयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च इंस्टीट्यूट की आेर यह आयोजन हो रहा है. तीन दिनों तक ऑड्रे हाउस परिसर में कार्यक्रम होगा.
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देश-विदेश के विद्वान जनजातीय दर्शन पर करेंगे मंथन
रांची : राजधानी में 17 से 19 जनवरी तक जनजातीय दर्शन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होगी. इसमें देश-विदेश के विद्वान शामिल होंगे. राज्य सरकार के जनजातीय मामलों के विभाग के सहयोग से डॉ रामदयाल मुंडा ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च इंस्टीट्यूट की आेर यह आयोजन हो रहा है. तीन दिनों तक ऑड्रे हाउस परिसर में कार्यक्रम होगा. […]
इसका उद्घाटन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू करेंगी. उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता हेमंत सोरेन करेंगे. समापन समारोह में 19 जनवरी की शाम चार बजे केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल होंगे. यह जानकारी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ रणेंद्र कुमार और आयोजन समिति के सदस्यों ने दी.
जनजातीय शोध संस्थान में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि जनजातीय दर्शन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में 12 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. अलग-अलग राज्यों के विद्वानों ने भी हिस्सेदारी की सहमति जता दी है. इसमें शामिल होने के लिए नार्थ-ईस्ट से 22 सदस्यों का एक दल भी आ रहा है.
आदिवासी दर्शन को स्थापित करने की होगी कोशिश
डॉ रणेंद्र कुमार ने बताया कि तीन दिनों तक आदिवासी दर्शन पर गंभीर चर्चा होगी. देश में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है. अब तक आदिवासियों का अध्ययन केवल मानवशास्त्र से जुड़ा होता था. जनजातियों के दर्शन को देखने के लिए अब तक कम प्रयास हुए हैं. इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का प्रयास इस आयोजन के माध्यम से होगा.
आयोजन समिति के सदस्य संतोष किड़ो ने बताया कि कार्यशाला में आदिवासी दर्शन को स्थापित करने की कोशिश होगी. प्रेस वार्ता में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा, स्व. डॉ रामदयाल मुंडा के पुत्र गुंजन मुंडा, हरि उरांव, महादेव मुंडा आदि मौजूद थे.
नेतरहाट में जुटेंगे जनजातीय और लोक चित्रकला के कलाकार
इस मौके पर बताया गया कि संस्थान द्वारा नेतरहाट में 10 से 15 फरवरी तक जनजातीय और लोक चित्रकला पर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इसमें झारखंड समेत देश के विभिन्न इलाकों से जनजातीय व लोक कलाकार शामिल होंगे. उनके चित्रों की पेंटिंग भी यहां देखने को मिलेगी.
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