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रांची : सीएए जरूरी, पर एनआरसी को अभी नहीं लाना चाहिए : गोविंदाचार्य

दो टूक : देश में विश्वास व संवाद का माहौल बनाने की जरूरत नामकुम/रांची : प्रख्यात चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने सीएए-एनआरसी पर चर्चा करते हुए कहा कि सीएए देश के लिए जरूरी है, लेकिन एनआरसी को अभी नहीं लाना चाहिए. एनआरसी पर प्रधानमंत्री को ही आगे आकर कहना पड़ा कि इसपर कोई चर्चा नहीं […]

दो टूक : देश में विश्वास व संवाद का माहौल बनाने की जरूरत
नामकुम/रांची : प्रख्यात चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने सीएए-एनआरसी पर चर्चा करते हुए कहा कि सीएए देश के लिए जरूरी है, लेकिन एनआरसी को अभी नहीं लाना चाहिए. एनआरसी पर प्रधानमंत्री को ही आगे आकर कहना पड़ा कि इसपर कोई चर्चा नहीं करें. सीएए देश के लिए उपयोगी है. देश की अपनी परंपरा के अनुरूप है. इसका और बेहतर प्रस्तुतीकरण होना चाहिए. देश में विश्वास एवं संवाद का माहौल बनाने की आवश्यकता है. श्री गोविंदाचार्य युगांतर भारती के कार्यक्रम में रांची पहुंचे थे. उन्होंने प्रभात खबर से विशेष बातचीत की़ श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि सीएए की बात करें, तो उसमें अौर बेहतर तरह से प्रस्तुतीकरण हो सकता था, जिससे अनावश्यक गलतफहमी नहीं होती. इस दिशा में और सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि इस विषय के महत्व पर चर्चा करना आज कठिन है, क्योंकि राजनीतिक वातावरण प्रदूषित है. इस प्रदूषित वातारण में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. इससे मूल मुद्दे के प्रति न्याय नहीं होगा. 2014 के बाद सरकार की प्रतिबद्धता भारत की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार के बारे में है. आज आर्थिक दिशा में जो मंदी आयी है, उसका उत्तर हमें खोजने की आवश्यकता है. आजीविका का संकट भारतीय नौजवान को सबसे ज्यादा है.
उस दिशा में अौर गंभीरता से चिंतन की जरूरत है. गोविंदाचार्य ने कहा कि रघुवर दास एवं सरयू राय प्रकरण से दुखी हूं. उन्होंने कहा कि सरयू राय 1970 से, तो रघुवर दास 1995 से मित्र हैं. चुनाव में जो घटना हुई, वह दृश्य देखकर खराब लगा. इसे टाला जाता, तो अच्छा होता. उन्होंने कहा कि विश्वास और संवाद ही संगठन के शास्त्र की बुनियाद है. संवाद कभी टूटना नहीं चाहिए और विश्वास में कभी दरार नहीं पड़नी चाहिए.
जब समाज आगे व सत्ता पीछे, तभी विकास
साइबर वार के कारण आज देश की संप्रभुता खतरे में
रांची : प्रख्यात विचारक व चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि जब समाज आगे और सत्ता पीछे होगी तभी विकास होगा. जहां सत्ता आगे और समाज पीछे होगा, वहां विनाश होगा. मनुष्य का जीवन मानव सुविधा के विकास से अधिक पर्यावरण केंद्रित विकास पर होना चाहिए. जैव विविधता के दृष्टिकोण से भारत सबसे मजबूत देश है. विकास के नाम पर देश के 90 हजार गांवों को शहरों ने लील लिया. श्री गोविंदाचार्य रविवार को नामकुम में युगांतर भारती, नेचर फाउंडेशन द्वारा इको सेंट्रिक डेवलपमेंट (पर्यावरण केंद्रित विकास) विषय पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे़
उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से ऑस्ट्रेलिया में लगी आग के कारण कई करोड़ पशु-पक्षी मारे गये हैं. समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है.
पांच हजार सालों में जो परिवर्तन नहीं, हुआ वो 500 सालों में हुआ और 500 सालों में जो नहीं हुआ, वह परिवर्तन बीते 50 सालों में हुआ है. श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि समाज में धैर्य की कमी हो गयी है. हमें अपने पूर्वजों से मिला है, वो हम आनेवाली पीढ़ी को दें. 50 वर्ष पूर्व विश्व की 70 प्रतिशत संपत्ति 30 प्रतिशत जनसंख्या के पास थी.
आज 80 प्रतिशत संपत्ति, 20 प्रतिशत जनसंख्या के पास है. भारत में 57 प्रतिशत संपदा मात्र एक प्रतिशत आबादी के पास है. श्री गोविंदाचार्य ने आश्चर्य व्यक्त किया कि गूगल भारत में हर वर्ष का 4 लाख 29 हजार करोड़ का कारोबार करता है, पर वो टैक्स सिर्फ 7000 करोड़ रुपये पर ही देता है. आज साइबर वार की वजह से कई देश की संप्रभुता खतरे में है. मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पूरा विश्व पर्यावरण के लिए चिंतित है, लेकिन असरदार पहल की अब भी कहीं न कहीं कमी है. प्रत्येक दिन हर व्यक्ति पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है. सब कुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है.
श्री सिंह ने कहा कि स्वभाव में बदलाव लाने से ही पर्यावरण में बदलाव संभव है. विधायक सरयू राय ने कहा कि दामोदर नदी 95 प्रतिशत प्रदूषणमुक्त हो चुकी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल प्रदूषण कर रहे संस्थानों व संगठनों पर कार्रवाई कर रहा है. दामोदर बचाओ आंदोलन की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बीटीपीएस, सीटीपीएस पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. उन्होंने कहा कि मई के महीने में युगांतर भारती पर्यावरण मेला का आयोजन करेगी. दिसंबर में एक स्मारिका का विमोचन होगा, जिसमें पर्यावरण के क्षेत्र में अन्य संस्था के काम के बारे में बताया जायेगा.
विशिष्ट अतिथि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के डाॅ गोपाल शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से जल संकट होता है. गंगा में पानी के अभाव के कारण नेशनल वॉटरवेज-1 की योजना फेल कर गयी है. स्पोंजी लेयर समाप्त हो गया है. संस्था के सचिव आशीष शीतल ने दो दशकों से युगांतर भारती के क्रियाकलापों की जानकारी दी. गोष्ठी में डाॅ एमके जमुआर, अंशुल शरण, उदय कुमार, सुरेंद्र बिस्थ, जयनंदु, सूर्यमणि सिंह, एके मिश्रा, उमेश दास, पवन कुमार, मुकेश कुमार, मुकेश सिंह, माधुरी सिन्हा, पुष्पा टोपनो, रेखा देवी, बजरंग कुमार समेत कई लोग थे़
विवेकानंद झा की पुस्तक का विमोचन : कार्यक्रम में विवेकानंद झा द्वारा लिखी पुस्तक ‘द मेकिंग ऑफ नरेंद्र मोदी, अनमेकिंग ऑफ जवाहरलाल’ का विमोचन अतिथियों ने किया. विवेकानंद ने पुस्तक के बारे में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक नये युग की शुरुआत की गयी है. पुस्तक में धारा 370, 35ए के बारे में जानकारी दी गयी है.

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