30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

UP Corona News : लॉकडाउन के दौरान BHU ने ‘गिलोय’ की 600 नर्सरी लगवायी, जानें… इसके औषधीय गुण और फायदे

कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के सात जिलों में गिलोय की नर्सरी लगवायी है. वाराणसी मंडल के चार जिलों- वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों-मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही में ये नर्सरी लगवायी गयी हैं.

प्रयागराज : कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के सात जिलों में गिलोय की नर्सरी लगवायी है. वाराणसी मंडल के चार जिलों- वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों-मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही में ये नर्सरी लगवायी गयी हैं.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के डीन और उत्तर प्रदेश में गिलोय मिशन के परियोजना संयोजक डाक्टर वाईबी त्रिपाठी ने पीटीआई भाषा को फोन पर बताया, “हमने लॉकडाउन के दौरान सात जिलों में गिलोय की 600 नर्सरी लगवायी है.” उन्होंने बताया, “प्रदेश में दो महीने से यह परियोजना चल रही है. इसी लॉकडाउन के दौरान गिलोय की नर्सरी लगवायी गयी. घर बैठे 500 किसानों से संपर्क कर उन्हें नर्सरी लगाने के लिए प्रेरित किया गया. लॉकडाउन खुलने पर सभाएं की जाएंगी, गिलोय के गुणों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा और दो लाख गिलोय के पौधों का निःशुल्क वितरण किया जायेगा.”

… तो इसलिए गिलोय को इम्यूनो बूस्टर भी कहा जाता है

प्रयागराज में जड़ी बूटियों पर अनुसंधान कर रहे ‘आयुष रिसर्च सेंटर एंड हास्पिटल’ के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर नरेंद्र नाथ केसरवानी ने बताया, “गिलोय में तीन प्रकार के एल्केलाइड- गिलोइनिन, ग्लूकोसाइड और बरबेरिन पाये जाते हैं जो श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्लूबीसी) को बढ़ाते हैं और अधिक संख्या में डब्लूबीसी, शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और नयी कोशिकाओं का निर्माण करते हैं. इसलिए गिलोय को इम्यूनो बूस्टर भी कहा जाता है.”

गिलोय को अमृता भी कहा जाता है, ये है इसके गुण

त्रिपाठी ने बताया कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो और जिलों को इस परियोजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि गिलोय को लेकर मुंबई के केईएम हास्पिटल में 1990-91 में अनुसंधान हो चुका है. गिलोय में बहुत से गुण हैं. यह किडनी को ठीक रखता है, बुखार को दूर करता है. इसलिए गिलोय को अमृता कहा जाता है.

प्रतिदिन सुबह में गिलोय का सेवन करें, ताकि इम्यून सिस्टम बने मजबूत

उन्होंने कहा कि आंवले की तरह ही गिलोय या गुडुच भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत मजबूत करता है और इसकी लता आसानी से कहीं भी लग जाती है. लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि वे गिलोय का छह इंच डंठल तोड़कर उसका काढ़ा बनाएं और प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बने.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें