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अच्छी नींद न होना खतरे का संकेत, जानिए ठीक से न सोने से किन बीमारियों का है खतरा

Not sleeping well is danger signal these diseases at risk अच्छे सेहत लिए केवल सही खान-पान ही नहीं बल्कि अच्छी नींद भी जरूरी है. नींद की कमी से सेहत में कई प्रभाव पड़ सकते हैं. जैसे बात-बात पर क्रोधित होना, चिड़चिड़ापन महसूस करना, किसी भी काम में मन नहीं लगना आदि.

Not sleeping well is danger signal these diseases at risk अच्छे सेहत लिए केवल सही खान-पान ही नहीं बल्कि अच्छी नींद भी जरूरी है. नींद की कमी से सेहत में कई प्रभाव पड़ सकते हैं. जैसे बात-बात पर क्रोधित होना, चिड़चिड़ापन महसूस करना, किसी भी काम में मन नहीं लगना आदि.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद की कमी आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर भी डाल सकते हैं. नियमित रूप से गहरी नींद नहीं लेने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है. अंग्रेजी वेबसाइट एनएचएस में छपी खबर के मुताबिक प्रत्येक 3 में से एक आदमी नींद से ग्रसित पाया जाता है. जिसका प्रमुख कारण है तनाव, कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल और घर व ऑफिस के काम आदि.

हमें कितनी नींद की है जरूरत ?

लोगों को अच्छी तरह से काम करने के लिए लगभग 8 घंटे की अच्छी नींद चाहिए होती है. हालांकि, कुछ को इससे भी अधिक या कम से भी काम चल जाता है. यह मायने रखता व्यक्तियों के शरीर पर. विशेषज्ञों की मानें तो अगर सो कर उठे और फिर भी झपकी ले रहा हो तो संभावना है कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है.

नींद की कमी से हाने वाले 7 गंभीर बीमारियां

इम्युनिटी पर प्रभाव : यदि आप हर मौसम में होने वाली सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि से ग्रसित रहते हैं तो यह आपके कम सोने का नतीजा भी हो सकता है. गहरी और पूरी नींद हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है. जबकि, नींद का कम आना या लेना हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर प्रभाव डालता है.

बढ़े मोटापे का कारण नींद : लोगों में यह गलतफहमी होती है कि कम नींद लेने से शरीर को कम किया जा सकता है. ऐसे में उन्हें बता दें कि अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग 7 घंटे से कम सोते हैं, वे अधिक वजन हासिल करते हैं. उनमें अन्य लोगों की तुलना में मोटे होने का ज्यादा खतरा होता है. अधूरी नींद लेने वाले लोगों के शरीर में लेप्टिन का स्तर को कम हो जाता है. वहीं घ्रेलिन के स्तर में वृद्धि हो जाती है. आपको बता दें कि घ्रेलिन भूख बढ़ाने वाला हार्मोन होता है.

नींद की कमी से मानसिक तनाव : रात की नींद बेहद जरूरी होती है. इसकी कमी से आप चिड़चिड़ा महसूस करते है.

नींद की कमी से मधुमेह का खतरा : अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि जो लोग आमतौर पर रात में 5 घंटे से कम सोते हैं उनमें मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. इससे इुसंलिन बनने की प्रक्रिया सुस्त हो जाती है. यह टाइप 2 मधुमेह को बढ़ावा दे सकता है.

नींद की कमी से वैवाहिक जीवन पर असर : नींद की कमी से वैवाहिक जीवन पर लग सकता है ग्रहण. जो पुरुष और महिला पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें लिबिडोस कम हो जाता है. जिसके कारण उनमें वैवाहिक सुख लेने की रुचि कम होने लगती है.

नींद की कमी से दिल की बीमारी का खतरा : लंबे समय तक नींद की कमी होने के कारण दिल अस्वस्थ्य हो जाता है. रक्तचाप में वृद्धि और सूजन की समस्या बढ़ जाती है. जो दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है. और खतरा बढ़ जाता है.

नींद की कमी से प्रजनन क्षमता पर असर : एक अध्ययन में दावा किया गया है कि नींद की कमी से गर्भ धारण करने में भी कठिनाई हो सकती है. नियमित नींद की कमी से प्रजनन हार्मोन के स्राव में कमी आ जाती है. जिससे गर्भ धारण करने में परेशानी हो सकती है.

कैसे लें पर्याप्त नींद

– नींद की कमी को केवल पर्याप्त नींद लेना ही पूर्ण कर सकता है.

– कैफीन या चाय जैसे पेय पदार्थ के सेवन को कम करना चाहिए क्योंकि इससे नींद कम हो जाती है.

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