38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

इनसे सीखिए : कोरोना से बचने के लिए ग्रामीणों ने बनाये नियम, दंड का भी है प्रावधान

छत्तीसगढ़ राज्य से सटे झारखंड के गुमला जिले के बुमतेल गांव में कोरोना महामारी (Corona pandemic) से बचने के लिए ग्रामीणों ने नया नियम बनाया है. इस नियम के उल्लंघन पर दंड का भी प्रावधान है. होम कोरेंटिन किये गये लोगों को 14 दिनों तक अपने घर से नहीं निकलना है. इसके लिए खुद ग्रामीण निगरानी करते हैं.

गुमला : छत्तीसगढ़ राज्य से सटे झारखंड के गुमला जिले के बुमतेल गांव में कोरोना महामारी (Corona pandemic) से बचने के लिए ग्रामीणों ने नया नियम बनाया है. इस नियम के उल्लंघन पर दंड का भी प्रावधान है. होम कोरेंटिन किये गये लोगों को 14 दिनों तक अपने घर से नहीं निकलना है. इसके लिए खुद ग्रामीण निगरानी करते हैं. जब तक कोरोना है. सोशल डिस्टैंसिंग में सभी को रहना है. कुआं व चापाकल में पानी भरने से लेकर तालाब में कपड़ा धोने व नहाने में भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना है. अगर ये नियम टूटते हैं, तो ग्रामीण बैठक कर दंड देने का भी प्रावधान रखे हैं. पढ़ें दुर्जय पासवान की रिपोर्ट.

गुमला जिला के अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड में बुमतेल गांव है. ग्रामीणों का कहना है कि जिंदा रहने की जिद ने हमें जागरूक बना दिया है. होम कोरेंटिन व सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराने के अलावा अगर गांव का कोई व्यक्ति संकट में है, तो ग्रामीण खुद एक- दूसरे की मदद कर रहे हैं. होम कोरेंटिन व सोशल डिस्टैंसिंग को लेकर गांव में बैठक भी हुई है, जिसमें कोरोना से बचने के लिए सभी को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है.

Also Read: लॉकडाउन में कुम्हारों का कारोबार प्रभावित, नहीं बिक रहे मिट्टी के बर्तन, खाने के पड़े लाले

बिना इलाज गांव में प्रवेश वर्जित : ग्रामीण

ग्रामीण नोवेल लकड़ा ने बताया कि हमारे गांव में जो भी प्रवासी व्यक्ति आते हैं. सभी को प्रखंड कोरेंटिन सेंटर भेज दिया जाता है. किसी को भी बिना इलाज कराये गांव में प्रवेश वर्जित है. मेंजस एक्का ने कहा कि अगर सभी गांवों के ग्रामीण इस तरह जागरूक हो जायेंगे, तो कोरोना स्वतः मर जायेगा. बीमारी खत्म हो जायेगी.

Also Read: झारखंड में 1 जून से ‘पानी रोको पौधा रोपो अभियान’ की शुरुआत, हर दिन 10 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य

गांव के ग्राम प्रधान रामलाल मुंडा ने बताया कि कोरोना महामारी से दुनिया त्रस्त है. लेकिन, बहुत सारे गांवों के लोग सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण कोरोना महामारी बढ़ रही है. वार्ड सदस्य अलबिनुस कुजूर ने बताया कि कभी- कभी कोरोना महामारी को लेकर तथा प्रवासी मजदूरों के आने से गांव में एक- दूसरे के बीच कहासुनी भी हो जाती है, लेकिन हम सभी आपस में बैठकर उसका समाधान निकाल लेते हैं.

Also Read: झारखंड लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत मिले रोजगार, 10 लाख जॉब कार्ड बन कर तैयार

दूसरे गांव के लोग सीखें : मुखिया

सीसीकरमटोली के मुखिया दिलीप बड़ाईक ने कहा कि इस गांव के ग्रामीण कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए काफी जागरूक हैं. इस गांव के ग्रामीणों से दूसरे गांव भी सीखें और कोरोना महामारी लड़ाई में सभी एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ें. गांव के वीरेंद्र भगत, ओवेद तिर्की, सहिया प्रीति राशि खलखो, सेवक मिंज, हेरमन लकड़ा, अगुस्टीन लकड़ा, सुरंजन मुंडा, फूलमनी खलखो ने कहा कि किसी भी मामले पर पूरा गांव निर्णय लेता है.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें