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झारखंड के पूर्व राज्यपाल वेद प्रकाश मारवाह नहीं रहे, गोवा में ली अंतिम सांस

former governor of jharkhand ved prakash marwah dies at goa रांची : झारखंड के पूर्व राज्यपाल और सीनियर आइपीएस ऑफिसर रहे वेद प्रकाश मारवाह का निधन हो गया है. 87 साल की उम्र में वेद प्रकाश मारवाह ने गोवा में अंतिम सांस ली. उन्हें मापुसा के असिलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं उनका निधन हुआ. श्री मारवाह के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता समेत पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया है.

रांची : झारखंड के पूर्व राज्यपाल और सीनियर आइपीएस ऑफिसर रहे वेद प्रकाश मारवाह का निधन हो गया है. 87 साल की उम्र में वेद प्रकाश मारवाह ने गोवा में अंतिम सांस ली. उन्हें मापुसा के असिलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं उनका निधन हुआ. श्री मारवाह के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता समेत पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया है.

मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘झारखंड के पूर्व राज्यपाल वेद प्रकाश मारवाह जी के निधन की खबर से आहत हूं. झारखंड के राज्यपाल बनने से पूर्व उन्होंने देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी सेवा दी थी. परमात्मा स्व मारवाह जी की आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दें.’

श्री गुप्ता ने ट्वीट किया है, ‘झारखंड के पूर्व राज्यपाल वेद प्रकाश मारवाह का गोवा में निधन हो गया है. उनके निधन से मर्माहत हूं. भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को दुःख सहने का साहस दें.’

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर रहे वेद प्रकाश मारवाह 12 जून, 2003 को झारखंड के राज्यपाल बने. 9 दिसंबर, 2004 तक वह इस पद पर रहे. श्री मारवाह मणिपुर और मिजोरम के भी राज्यपाल रहे. 1985 से 1988 तक दिल्ली पुलिस के कमिश्नर रहे श्री मारवाह नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक भी बने.

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का पद छोड़ने के बाद वर्ष 1988 से 1990 तक वह एनएसजी के तीसरे डीजी बने. भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में 36 साल के अपने करियर में उन्होंने अलग-अलग राज्यों में अपनी सेवाएं दी. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि उनके पिता विभाजन के समय भारत आ गये थे.

श्री मारवाह के साथ काम करने वाले अधिकारियों का कहना है कि वे एक सख्त अधिकारी थे. हालांकि, उनका दिल बेहद नर्म था. झारखंड का राज्यपाल बनने से पहले श्री मारवाह ने 1999 से 2000 तक मणिपुर, 2000 से 2001 तक मिजोरम के राज्यपाल रहे थे. झारखंड के राज्यपाल के रूप में नक्सलवाद के उन्मूलन पर उन्होंने काफी जोर दिया था.

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