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Earthquake : 30 दिन में 5 से अधिक बार आ चुका है भूकंप, एक्सपर्ट भी दे चुके हैं बड़े भूकंप की चेतावनी

Earthquake in Delhi-NCR : दिल्ली-एनसीआर में एकबार फिर भूकंप का झटका लगा है. इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.1 थी. भूकंप का केंद्र गुरूग्राम था. दिल्ली-एनसीआर में इस महीने में अबतक दो बार भूकंप आ चुका है. हालांकि इस बार भूकंप की तीव्रता पहले से कम है.

नयी दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में एकबार फिर भूकंप का झटका लगा है. इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.1 थी. भूकंप का केंद्र गुरूग्राम था. दिल्ली-एनसीआर में इस महीने में अबतक दो बार भूकंप आ चुका है. हालांकि इस बार भूकंप की तीव्रता पहले से कम है.

समाचार एजेंसी ने नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के हवाले हवाले से बताया कि इस बार दिल्ली में 2.1 न्यूनतम तीव्रता की भूकंप आया है. भूकंप का क्षेत्र गुड़गांव रहा. यह भूकंप तकरीबन 1 बजे आया है. हालांकि इस बार कोई हताहत की खबर अभी तक नहीं है.

एक महीने में पांच बार से अधिक बार आ चुका है भूकंप– दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले एक महीने में पांच बार भूकंप आ चुका है, जिसमें अधिकांश समय दिल्ली के आसपास इलाके में आया है. कोरोना महामारी के दौर में भूकंप आने से लोग और अधिक डर गये हैं. हालांकि अभी तक इन सभी भूकंप में कोई बड़े स्तर पर जान-माल की नुकसान नहीं हुई है.

Also Read: दिल्ली- एनसीआर में थोड़ी – थोड़ी देर में दो बार भूकंप के झटके, कितना खतरनाक है ?

क्यों आता है भूकंप– धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. ज्यादा दबाव बनने लगता है तो ये प्लेट्स टूट जाती है, जिसके बाद एनर्जी बाहर आती है. इसी के बाद भूकंप आता है. भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप के झटके महसूस होते रहते है. टेक्टॉनिक प्लेटों में टक्कर के कारण ही भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर भूकंप आते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि भूजल में कमी से टेक्टॉनिक प्लेटों की गति में धीमी हुई है.

भूकंप के बार-बार आने से लोगों के मन में एक सवाल लगातार उठ रहे हैं. लोगों के भीतर इससे डर बैठ गया है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्‍मोलॉजी के हेड (ऑपरेशंस) जे एल गौतम ने भूकंप के बार बार आने के मुद्दे पर टाइम्स ऑफ इडिया से बातचीत की थी जिसमें उन्होंने कहा था, भूकंप फॉल्‍ट-लाइन प्रेशर की वजह से आए, ऐसा नहीं लगता है.

उन्‍होंने कहा, ‘इन लोकल और कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए, फॉल्‍ट लाइन की जरूरत नहीं है. धरातल के नीचे छोटे-मोटे एडजस्‍टमेंट्स होते रहते हैं और इससे कभी-कभी झटके महसूस होते हैं. पूरे भारत में 4 जोन है जहां खतरा ज्यादा है. विशेषज्ञों की मानें तो यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है. पांचवे जोन में भूकंप की तीव्रता 9 तक हो सकती है.’

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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