39.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

न शौचालय है, न बिजली, मोबाइल नेटवर्क, पक्का घर और न स्वास्थ्य सुविधा, यह है झारखंड के टुटुवापानी गांव की कहानी

कहानी गुमला के टुटुवापानी गांव की

गुमला : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वाला टुटुवापानी गांव के विकास से सरकार व प्रशासन मुंह मोड़े हुए है. यह वही गांव है. जहां 23 व 24 मार्च को जल, जंगल व जमीन का आवाज गूंजती है. प्रशासन के अलावा हिंडाल्को कंपनी भी इस क्षेत्र में सीएसआर के तहत सुविधा देने में नाकाम है.

जबकि इस क्षेत्र से हिंडाल्को कंपनी करोड़ों रुपये कमा रही है. इसके बावजूद इस क्षेत्र की जनता सरकारी सुविधाओं के लिए तरस रही है. नरमा पंचायत स्थित टुटुवापानी गांव बिशुनपुर प्रखंड में आता है, जो जंगल व पहाड़ों के बीच अवस्थित है. इस गांव में करीब 70 परिवार है. जिसमें विलुप्त प्राय: आादिम जनजाति बृजिया व उरांव परिवार है. इस गांव में शौचालय नहीं बना है.

Undefined
न शौचालय है, न बिजली, मोबाइल नेटवर्क, पक्का घर और न स्वास्थ्य सुविधा, यह है झारखंड के टुटुवापानी गांव की कहानी 3

जिस कारण लोग खुले में शौच करने जाते हैं. यहां तक कि महिलाओं को भी खुले खेत में जाना पड़ता है. स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं है. लोग झोलाझाप डॉक्टर से इलाज कराते हैं. या तो फिर अपनी सुविधा पर बनारी व बिशुनपुर इलाज कराने जाना पड़ता है. गांव में किसी को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है. सभी लोगों का घर कच्ची मिटटी का है. बरसात में घर गिरते रहता है. जिसे लोग मरम्मत कर पुन: उसी घर में रहते हैं. गांव की सड़कें भी कच्ची है.

बरसात का पानी सड़क पर जमा रहता है. गांव में जलमीनार बना है. परंतु बरसात के दिनों में जलमीनार से पानी नहीं मिलता है. कारण धूप नहीं निकलने से सोलर चार्ज नहीं होता है. इस कारण लोग कुआं व दाड़ी का पानी पीते हैं. बृजिया सामुदाय के लोगों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है.

Undefined
न शौचालय है, न बिजली, मोबाइल नेटवर्क, पक्का घर और न स्वास्थ्य सुविधा, यह है झारखंड के टुटुवापानी गांव की कहानी 4
बिरसा आवास अधूरा है

टुटुवापानी में बृजिया जाति के लोग रहते हैं. आदिम जनजाति होने के कारण सरकार ने इन्हें बिरसा आवास दी है. परंतु अभी तक बृजिया जनजाति के कई घरों में आवास पूरा नहीं हुआ है. यहां तक कि इनके घरों में भी शौचालय नहीं है.

बिजली व मोबाइल नेटवर्क नहीं

टुटुवापानी गांव में बिजली पोल व तार लगा हुआ है. परंतु बिजली नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि पांच माह पहले ट्रांसफारमर खराब हो गया. इसके बाद से बिजली नहीं है. गांव में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है. बिजली व मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने के कारण बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कत हो रही है. कोरोना संक्रमण के बाद से बच्चे घर में हैं. मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

ग्रामीणों ने कहा

ग्रामीण महंगी देवी, लाजरूस टोप्पो, मीना मिंज, लीबनियुस टोप्पो ने कहा कि उम्र 80 वर्ष हो गया है. कई बार वृद्धावस्था व विधवा पेंशन के लिए आवेदन जमा किया. परंतु अभी तक पेंशन स्वीकृत नहीं हुआ है. घर पर अकेले रहते हैं. गांव वालों की मदद से जी रहे हैं. गांव में बिजली नहीं रहने से परेशानी हो रही है.

कई बार बिजली बहाल करने की मांग किया. परंतु किसी ने नहीं सुना. गांव की सड़कें भी पक्की नहीं है. जिससे बरसात में दिक्कत होती है. हमलोग सरकारी सुविधाओं से महरूम हैं. लेकिन प्रशासन हमारे गांव की समस्याओं को दूर करने का प्रयास नहीं कर रही है.

बॉक्साइड माइंस में मजदूरी कर जीविका चला रहे हैं. गांव के किसी भी घर में शौचालय नहीं है. महिलाएं खेत में शौच करने जाती है. अगर शौचालय बन जाता तो हमें खुले स्थान पर जाना नहीं पड़ता. प्रशासन गांव में शौचालय बनवा दें.

क्या कहती है मुखिया

नरमा पंचायत की मुखिया प्रसन्न टोप्पो ने कहा कि पैसा नहीं मिलने के कारण शौचालय नहीं बनवा पाये हैं. नरमा पंचायत में अभी तक 25 घर में शौचालय बनवा चुके हैं. अन्य घरों में भी शौचालय बने. इसके लिए प्रशासन से पैसा की मांग किया है.

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें