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Bharat Bandh 2020 : 8 दिसंबर को भारत बंद, जानिये क्या खुलेगा, क्या रहेगा बंद

Bharat Bandh 2020, 8 December, What will be open in Bharat Bandh, what will remain closed, know everything केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन आज 12वें दिन भी जारी है. कनकनी और शितलहरी के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं. इसबीच किसानों ने 8 दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद बुलाया है. जिसे भारी समर्थन मिल रहा है.

Bharat Bandh 2020 : केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन आज 12वें दिन भी जारी है. कनकनी और शितलहरी के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं. इसबीच किसानों ने 8 दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद बुलाया है. जिसे भारी समर्थन मिल रहा है.

सिंधू बॉर्डर पर जमे किसानों ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से लेकर शाम तक भारत बंद रहेगा और चक्का जाम दिन के 3 बजे तक चलेगा. इस दौरान कई जरूरी सामनों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है.

क्या रहेगा बंद

भारत बंद के दौरान सभी तरह के दुकानें और कारोबार बंद रहेंगे. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी. दूध, हरी सब्जियों से लेकर कई जरूरी सेवाएं भी बंद से प्रभावित रहेंगी. इन सभी की आपूर्ति दिनभर के लिए ठप रहेंगी.

ये रहेंगे बंद से मुक्त

भारत बंद के दौरान शादी के कार्यक्रमों को बंद से छूट दी गयी है. इसके अलावा एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को छूट रहेगी. सिंघु बॉर्डर पर जय किसान आंदोलन से योगेंद्र यादव ने बताया था कि 8 तारीख को सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा. चक्का जाम शाम तीन बजे तक रहेगा. दूध-फल-सब्जी पर रोक रहेगी. शादियों और इमरजेंसी सर्विसेज पर किसी तरह की रोक नहीं होगी.

12 प्रमुख पार्टियों ने किया बंद का समर्थन

किसान आंदोलन के समर्थन में उतरी देश की 12 प्रमुख पार्टियों ने भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. कांग्रेस, शिवसेना, आप, डीएमके, सपा, बसपा जैसी पार्टियों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है और बंद को सफल बनाने की बात कही है.

कानून में संशोधन पर विचार कर सकती है सरकार

इधर देशभर में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने कहा है कि कृषि कानून में संशोधन पर विचार करेगी. सरकार ने किसानों को स्पष्ट कर दिया है कि कानून को वापस तो नहीं लिया जाएगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर उनकी मांगों के आधार पर कानून में संशोधन पर विचार कर सकती है.

किसान आंदोलन की गूंज अमेरिका तक

इधर किसान आंदोलन की गूंज अमेरिका तक पहुंच गयी है. अमेरिका में सैकड़ों की संख्या में सिख अमेरिकियों ने शांतिपूर्ण विरोध मार्च निकाला. लंदन में भी किसान आंदोलन का समर्थन किया गया. लेकिन विरोध के दौरान खालिस्तानी झंडा भी लहराया गया.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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