39.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

खरसावां में 85वीं उत्कल दिवस पर गूंजा बंदे उत्कल जननी, अपनी भाषा और संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का लिया संकल्प

Jharkhand News (खरसावां) : उत्कल सम्मिलनी ओड़िया शिक्षक संघ की ओर से खरसावां में 85वीं उत्कल दिवस मनाया गया. मौके पर उत्कलमणी पंडित गोपबंधु दास एवं उत्कल गौरव मधुसुदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इस दौरान ओड़िया शिक्षक एवं ओड़िया समुदाय के लोगों ने अपनी भाषा एवं संस्कृति को जन- जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. मौके पर रिटायर्ड शिक्षक कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि भाषा और संस्कृति ही हमारी पहचान है. इसके उत्थान के लिए सभी को संगठित होकर कार्य करना होगा.

Jharkhand News (खरसावां), रिपोर्ट- शचिंद्र कुमार दाश : उत्कल सम्मिलनी ओड़िया शिक्षक संघ की ओर से खरसावां में 85वां उत्कल दिवस मनाया गया. मौके पर उत्कलमणी पंडित गोपबंधु दास एवं उत्कल गौरव मधुसुदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इस दौरान ओड़िया शिक्षक एवं ओड़िया समुदाय के लोगों ने अपनी भाषा एवं संस्कृति को जन- जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. मौके पर रिटायर्ड शिक्षक कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि भाषा और संस्कृति ही हमारी पहचान है. इसके उत्थान के लिए सभी को संगठित होकर कार्य करना होगा.

उत्कल सम्मिलनी के जिलाध्यक्ष हरिश चंद्र आचार्या ने ओड़िया भाषा में बोलचाल, पठन-पाठन को भी बढ़ावा देने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ओड़िया भाषा एवं संस्कृति हमारी आत्मा में बसती है. सरकार को यह सुनिश्चित करनी होगी कि ओड़िया भाषी बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सके.

उत्कल सम्मिलनी के जिला परिदर्शक सुशील कुमार षाड़ंगी ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए ओड़िया समुदाय के लोगों को भी जागरूक होना होगा. उन्होंने ओड़िया समाज के लोगों से भाषा-संस्कृति के विकास में अपना सहयोग देने की अपील की. समुंत चंद्र मोहंती ने कहा कि समाज के सभी लोगों को अपनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के उत्थान में कार्य करना होगा. साथ ही सरकार से भी ओड़िया भाषियों के हितों की रक्षा करने की मांग की.

Also Read: Happy Holi 2021 : सरायकेला में निकली राधा- कृष्ण की दोल यात्रा, उड़े रंग गुलाल, भक्तों संग होली खेलने घर- घर पहुंचे प्रभु

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सरोज मिश्रा, भरत मिश्रा, जयजीत षाड़ंगी, रश्मि रंजन मिश्रा, अनूप सिंहदेव, चंद्रभानु प्रधान, रंजीता मोहंती, रंजीत मंडल, शिवचरण महतो, रचीता मोहंती, सुजीत हाजरा, भागरथी दे, राम नारायण षाड़ंगी, सच्चिदानंद प्रधान, सत्यव्रत चौहान, अनिता दलबेहरा, कनीता दे, धरणीधर मंडल,सपना नायक, झुमी मिश्रा आदि उपस्थित थे.

बंदे उत्कल जननी… का हुआ सामूहिक गायन

मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने बंदे उत्कल जननी… गीत सामूहिक रूप से गायन किया. साथ ही प्राचीन उत्कल के गौरवमयी गाथा को याद किया. मौके पर स्वतंत्र ओड़िशा राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महापुरुषों के साथ साथ भाषा, संस्कृति एवं साहित्य के लिए कार्य करने वाले महान विभूतियों को याद किया गया. मौके पर ओड़िया समुदाय के लोगों ने भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया.

क्यों मनाया जाता है उत्काल दिवस?

एक अप्रैल, 1936 को भाषा के आधार पर स्वतंत्र ओड़िशा प्रदेश का गठन किया गया था. तभी से एक अप्रैल को उत्कल दिवस मनाया जाता है. इसी दिन स्वतंत्र ओड़िशा प्रदेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभूतियों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है.

Also Read: झारखंड के खरसावां में इस गांव के लोग अंधेरे में रहने को हैं मजबूर, ग्रामीणों ने बैठक कर बनायी ये रणनीति
सरायकेला में भी मनाया गया उत्कल दिवस

वहीं, दूसरी ओर सरायकेला प्रखंड उत्कल सम्मीलनी की ओर से उत्कल सम्मीलनी के ओड़िया शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति में पंडित उत्कलमणि गोपाबंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. मौके पर मुख्य रूप से उत्कल सम्मिलनी के जिला एडवाइजरी कमेटी के सदस्य राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव, राजा ज्योतिषी आदि उपस्थित थे. एक अप्रैल, 1936 में ओड़िशा प्रदेश का गठन हुआ था. उसी दिन से हर साल आज ही के दिन उत्कल दिवस मनाया जाता है.

मातृभाषा और अपनी भाषा- संस्कृति के प्रति हमेशा सम्मान रखना हम सभी का कर्तव्य है. राजा ज्योतिषी ने सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं से अपील करते हुए कहा कि ओड़िया भाषा संस्कृत के लिए विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, क्योंकि समाज के विकास के लिए मातृभाषा की विकास जरूरी है.

मौके पर सभी ओड़िया समाज एवं उत्कल सम्मेलन के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने संकल्प लिया कि सरायकेला के प्रत्येक ओड़िया गांव में जाकर ओड़िया भाषा संस्कृत को बचाने का प्रयास करेंगे. कार्यक्रम में मुख्य रुप से ओड़िया शिक्षक संघ की अध्यक्ष लक्ष्मीप्रिया कर, रीता रानी नंद, शक्ति पति, मौसमी होता, गीतांजलि मोहंती, रूपम राणा, घासीराम महतो, छवि पति, मामूनी होता, अर्चना दास, जोत्सना महापात्र, तप्ती कर, अन्नपूर्णा रथ, अन्नपूर्णा रथ, मीनती दास, बद्री दरोघा, रवि सतपती आदि उपस्थित थे.

Also Read: Corona Vaccination In Jharkhand : आज से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगेगा कोरोना का टीका, झारखंड में 700 केंद्रों पर होगा टीकाकरण, छत्तीसगढ़ की सीमाएं सील

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें