33.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

आंध्र प्रदेश के छात्र को मिला बॉयो डिग्रेडेबल फेशियल शील्ड बनाने का कॉपीराइट, जानें इसकी खासियत

student Designs unique biodegradable face shield 2.0 : आंध्र प्रदेश के अमरावती में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए फेशियल शील्ड बनाया है. फैशियल शील्ड 2.0 के लिए उसे भारतीय पेटेंट कार्यालय से कॉपीराइट भी मिल गया है. छात्र ने फेशियल शील्ड को बनाने में बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग किया है.

आंध्र प्रदेश के अमरावती में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए फेशियल शील्ड बनाया है. फैशियल शील्ड 2.0 के लिए उसे भारतीय पेटेंट कार्यालय से कॉपीराइट भी मिल गया है. छात्र ने फेशियल शील्ड को बनाने में बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग किया है.

आंध्र प्रदेश की एसआरएम यूनिवर्सिटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह फेशियल शील्ड 2.0 नाक, आंख और मुंह की रक्षा करता है. यह बाहर से आने वाले वायरस को रोकता है. यह 175 माइक्रोन रिसाइक्लेबल प्लास्टिक की पतली परत और अत्यधिक टिकाऊ हेडबैंड से बनाया गया है.

इसमें एक पारदर्शी प्लेट भी है. इसे थ्री प्लाई नालीदार कार्डबोर्ड से बनाया गया है, जिसकी कीमत केवल 15 रुपये प्रति पीस है. फेशियल शील्ड इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह बिना किसी को नुकसान पहुंचाएं हरएक आकार के सिर में फिट हो सकता है.

Also Read: Transparent Mask बनकर तैयार, अब भाप से नहीं धुंधला होगा चश्मा, अस्थमा मरीजों को भी मिलेगी राहत, जानें पारदर्शी मास्क की खासियत व कीमत

विज्ञप्ति मे बताया गया है कि अपने इसी यूनिक फीचर्स के कारण छात्र पी मोहन के बनाये गये फेशियल शील्ड को कॉपीराइट मिला है. इसके आलावा आदित्य मोहन कोरोना मरीजों के लिए एक और डिजाइन ”बिल्डिंग ब्लॉक फॉर बेड” भी बनाया है. इसका निर्माण कोरोना मरीजों के इस्तेमाल में लायी गयी दोबारा इस्तेमाल करने वाले वस्तुओं से किया गया है. विश्वविद्यालय ने कहा कि उन्होंने इसके लिए कॉपीराइट के लिए भी आवेदन किया है.

आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री आदिमुलापु सुरेश ने छात्र पी मोहन आदित्य के प्रयासों की सराहना की है. उन्होंने सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्र की सराहना की और राज्य पुलिस के जवान, पारामेडिकल स्टॉफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच फेशियल शील्ड का वितरण किया.

फेशियल शील्ड को बनाने वाले छात्र पी मोहन ने कहा कि जिस तरीके से लगातार वातावरण को क्षति पहुंच रही है, उसके लिए हमें इको फ्रेंडली उपाय अपनाने होंगे और उसी हिसाब से चीजें भी विकसित करनी होगी. इसलिए मेरे दिमाग में यह ख्याल आया कि रियुजेबल प्लास्टिक और कार्डबोर्ड का इस्तेमाल करके फेशियल शील्ड बनाया जाये, ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके. इससे पहले भी पी मोहन की टीम ने बैटरी चालित इलेक्ट्रीक साइकिल का निर्माण करने में सफलता पायी है.

Also Read: देश में स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित होने से बचा रहा Face Shield, नये अध्ययन में हुआ खुलासा

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें